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उम्मीदों के चराग गलियों में रोशन हो रहे हैं

बीते साल की दस प्रमुख नाट्य प्रस्तुतियों पर लिखा है युवा आलोचक-शोधार्थी अमितेश कुमार ने- जानकी पुल.
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साल का अंत एक दुखद नोट के साथ हुआ लेकिन उम्मीदों के चराग गलियों में रोशन हो रहे है. दिल्ली के जंतर मंतर और दुर्भेध बना दिया गए इंडिया गेट के अलावा मोहल्लों और देश के अन्य शहरों में भी. साल बीतते  बीतते वर्ष की उपलब्धियों, कमियों, क्षतियों इत्यादि की गिनती प्रारंभ हो गई है. किताबें कितनी छपी, कौन अच्छी रही, सिनेमा कौन से आये उनमें पसंदीदा कौन सी रही, बेहतर अभिनेताअभिनेत्री कौन रहे? किस फ़िल्म की कमाई कितनी रही, गुणवत्ता कितनी रही? साल के टाप गीत कौन से हैं? चर्चित चेहरे? सबसे ज्यादा रन किसने बनाए, विकेट
 
      

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7 comments

  1. बहुत अच्छा लेख लिखा है एक गहन शोध के बाद….क्या बात है

  2. shukriya, aap dono logo ka

  3. नमस्कार अमितेश जी, बहुत ही उम्दा जानकारी आपने दी , एक तरह से पूरा रीविजन है बहुत खूब

  4. बहुत-बहुत शुक्रिया अमितेश. हम जैसे नाटक से लगभग महरुम दर्शक के लिए बहुत ही जानकारी और संवेदनशील जानकारी दी है.

  5. Cell phone monitoring is a very effective way to help you monitor the cell phone activity of your children or employees.

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