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यह हिंदी प्रकाशन जगत में नए दौर की शुरुआत है!

वाणी प्रकाशन की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर 26 जुलाई को वाणी फाउन्डेशन(न्यास) की स्थापना की घोषणा होगी. लेखन, चित्रांकन और अनुवाद के क्षेत्र में शोधवृत्तियों के साथ यह एक नई शुरुआत होगी जो हिंदी के किसी भी प्रकाशन गृह द्वारा की जाने वाली अपने तरह की नई पहल होगी. हम इस पहल का स्वागत करते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि विश्व स्तर पर हिंदी की पहुँच बढाने में यह फाउंडेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा- मॉडरेटर 
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वाणी प्रकाशन अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर 26 जुलाई 2014 को स्थापना दिवस मना रहा है। इसी अवसर वाणी न्यास की स्थापना की घोषणा भी की जाएगी। न्यास की शुरुआत लेखन, चित्रांकन व अनुवाद के क्षेत्रों में तीन महत्वपूर्ण शोधवृतियों से होगी।

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी की प्रतिष्ठा के लिए जो भी कार्य किये जा रहे हैं वे अपर्याप्त हैं। वाणी न्यास हिन्दी और भारतीय साहित्य से विश्व स्तरीय अनुवाद करवाने तथा भारतीय साहित्य को अनुवाद के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा दिलवाने के लिए कार्य करेगा। वाणी न्यास हिन्दी और भारतीय भाषाओं को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए कार्य करेगा जिसमें यूनेस्को में हिन्दी को मान्यता दिलानानोबल पुरस्कारों के लिए भारतीय साहित्य की प्रविष्टि को प्रोत्साहित करनादुनिया भर के विश्वविद्यालयों में भारतीय साहित्य की उपस्थिति दर्ज कराना आदि शामिल है।
वाणी न्यास बाल साहित्य में चित्रांकन एवं लेखनसाहित्य में नवाचारहिन्दी साहित्य का अन्तरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद आदि वाणी न्यास द्वारा किये जाने वाले शोध कार्यों के मुख्य उद्देश्य हैंइन सभी विषयों पर वाणी न्यास शोधवृत्ति को बढ़ावा देते हुए एक लाख प्रत्येक तीन फेलोशिप देगा जब कि अनुवाद के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुवादकों को भारत में रेसिडेंशियल फेलोशिप देगा।
दुनिया भर के जाने माने लेखक और बुद्धिजीवी इस न्यास के परामर्श मंडल में हैं।
51वर्षों की साहित्यिक सफल परम्परा को कायम रखते हुए वाणी प्रकाशन ने इस समारोह में सभी प्रतिष्ठित साहित्यकारों को आमन्त्रित किया है। इस मौके पर वाणी न्यास के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरीन्यास के मुख्य संरक्षक प्रख्यात शायर और फिल्मकार गुलज़ारन्यासी प्रसिद्ध लेखिका नमिता गोखलेविख्यात साहित्यकार अशोक वाजपेयीसमाजसेवी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व माहेश्वरी परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे। न्यास की कार्यकारिणी समिति सदस्य प्रसिद्ध विदुषी शुभा मुद्गलवरिष्ठ लेखिका सुकृता पॉल कुमारप्रसिद्ध समाज-विज्ञानी अभय कुमार दुबेवरिष्ठ पत्रकार अनंत विजयबाल साहित्यकार पारो आनंदवरिष्ठ समाजशास्त्री व चिन्तक धीरूभाई सेठवरिष्ठ चित्रकार मनीष पुष्कलेयुवा कवि यतीन्द्र मिश्र और हैप्पी हैंड्स फाउंडेशन के संस्थापक मेधावी गाँधी सहित साहित्य व कला जगत की प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी। इस समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि केदारनाथ सिंह करेंगे। 
अदिति माहेश्वरी
निदेशक, कॉपीराइट व अनुवाद विभाग
वाणी प्रकाशन
+91 9999578418
मेल : vaniprakashan@gmail.com
            aditi@vaniprakashan.in
 
      

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10 comments

  1. लिखा है— [न्यास]… अनुवाद के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुवादकों को भारत में रेसिडेंशियल फेलोशिप देगा।

    हिंदी साहित्य के अधिकतर अंग्रेज़ी अनुवाद आजतक आजतक ख़ुद भारतीय ही करते आए हैं। ब्रिटेन और अमेरिका के अनुवादक हिंदी से अंग्रेज़ी में भारतीयों से ज़्यादा कामयाब अनुवाद कर सकते हैं। क्योंकि कई लोग मानते हैं कि अनुवादक को अपनी मातृभाषा में ही अनुवाद करना चाहिए।

    पर कोई अफ़ग़ानिस्तान-ईरान, या इंडोनेशिया-मलेशिया का बंदा हिंदी से अपनी भाषा में अनुवाद करता है तो उसका अनुवाद और भी ज़्यादा कामयाब रहेगा। क्योंकि वो अपनी भाषा में अनुवाद करने के अलावा, ऐसी भाषा से अनुवाद कर रहा है जो उसकी अपनी भाषा से जुड़ी हुई है। जैसे फ़ारसी के अधिकांश शब्द अवेस्ता मूल के हैं और संस्कृत से सीधे जुड़े हुए हैं। इंडोनेशिया-मलेशिया की बोलियाँ भी संस्कृत से जुड़ी हुई हैं। मगर आपको "नोबल पुरस्कारों के लिए भारतीय साहित्य की प्रविष्टि को प्रोत्साहित करना" है तो इन पड़ोसियों को मेहमान ना बनाएँ।

  2. शुभकामनाऐं ।

  3. Atualmente, o software de controle remoto é usado principalmente na área de escritório, com funções básicas como transferência remota de arquivos e modificação de documentos.

  4. It’s great that you are getting ideas from this article as well as from our argument made at this time.

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