Home / ब्लॉग / पतनशील पत्नियों के नोट्स

पतनशील पत्नियों के नोट्स


नीलिमा चौहान ने हाल के वर्षों में स्त्री-अधिकारों, स्त्री शक्ति से जुड़े विषयों को लेकर बहुत मुखर होकर लिखा है और अपनी एक बड़ी पहचान बनाई है. उनके लेखन में किसी तरह का ढोंग नहीं दिखता बल्कि एक तरह की गहरी व्यंग्यात्मकता है जो हम लोगों को बहुत प्रभावित करती है. पतनशील पत्नियों के नोट्स उनकी एक ऐसी ही सीरिज है. आप भी पढ़िए, पढ़कर राय दीजिए- मॉडरेटर 
======= 

वाइव्स आर मेड इन हैवेन
मैं तो एक बनी बनाई औरत थी । औरत क्या बीवी थी । और तुम जब अपने लड़कपन में जमाने भर के चस्खे ले रहे थे लफंगई ,गुंडई ,तफरी कर रहे थे तब मैं घास थोड़े न छील रही थी ।
तुम बेहथियार जंग में उतरे हो और मैं न जाने कबसे अपनी काबिलियत तराश रही थी । मुझे तुम्हें लड़के से पति बनाना पड़ता है । यह ट्रांस्फार्मेशन कितनी जल्द हो कितना पक्का और कितना ऑथेंटिक दिखाई दे – सबमें मेरी काबिलियत का इम्तिहान होता है । जिसे दुनिया जीतने की पड़ी हो उसे अपने घरौंदे की फिक्र में न डाल सकूं तो कैसे चलेगा । एक आवारा फिरने वाले वक्त बेवक्त की पहचान न रखने वाले , बेतरतीब शख्स को तरतीब में लाना होता है ।
अगर लड़के के लड़कपन को शौहरपन में बदला न जाए तो कोई शादी न चले । यानि शादी भी चलाई जाती है । और ये उसका जिम्मा होता है जिसमें शादी के बाहर सोचने की हिमाकत नहीं होती । जाहिर है ये हिमाकत मैं नहीं कर सकती इसलिए यह जिम्मा मैं उठाती हूं । है तो शादी बस रस्म भर ही । पर अजब रस्म है । लड़की को बीवी बनाने के लिए यह काफी है पर लड़के में शौहर होने की तहजीब और आदत एक रस्म के हो जाने से नहीं आ जाती । उसे आए वक्त जमाना क्या कहेगा के डर में या दूसरे पतियों को देखो , अपने पिता से सीखो , मेरी सहेली का पति तो ..,  ..बच्चे क्या सीखेंगे
यानि किसी न किसी डर दबाव दौड़ समझौते दुहाई लालच देना होता है ।
अजी क्या खुल्लमखुल्ला थोड़े ही न । पैंतरा ऎसा हो कि हर हालात में शौहर मेरे चाहे को ही चाहत मानने के लिए मजबूर हो जाए और बस इसलिए मजबूर हो जाए कि उस वक्त उससे बेहतर उससे लाजमी कोई सूरत उसे दिखाई न दे ..
 मेरी दुश्मन मेरी दोस्त
मेरी सास मेरी दुश्मन नंबर वन औरत है ।
इसलिए है क्योंकि अपने बेटे को एक गिलास पानी भी खुद पी लेने का सलीका नहीं सिखाया उस स्त्री ने ।
पर ठंडे दिमाग से सोचने पर लगता है कि चलो अच्छा ही किया । वो मेरे शौक पालता है , दिनभर खटकर नोट कमाकर लाता है , मेरे बच्चों के लिए एक शक्तिशाली पिता बनने की जी तोड़ कोशिश में लगा रहता है । ऎसे में दिन भर घर में पड़े पडे महरियों पर हुकुम बजाती बीवी पर प्यार उमड़ाने के लिए उसे भी तो कुछ कारण चाहिए । वो सलीके सीख जाएगा तो मेरे लिए कोई काम कैसे बच रहेगा ।
मेरी सास ने शायद औरत होकर औरत का दर्द समझकर ही अपने बेटे यानि मेरे होने वाले पति को औरत के हाथ के सलीके की ऎसी जबरदस्त आदत डलवाई होगी ।
इस एक हुनर से मेरे सौ ऎब छिप जाते हैं और अपने सौ हुनर के बावजूद अपने एक ऎब की वजह से मेरा पति मेरा ही रहता है ।
इसलिए ही कहा जाता होगा कि एक औरत ही औरत के दर्द को समझ सकती है ।
सास को सलाम ।
हाउ टु सॉल्व ए डिफिकल्ट पज़ल कॉल्ड हस्बेंड
शायद यह बात हम भी जानती हैं  एक अमीर घरेलू खातूनों  की ज़िंदगी  सोने के हसीन पिंजड़े में फुदकती मैना की सी होता है ।  
पति की कमाई हुई बेशुमार दौलत के समंदर की जलपरी हैं हम ।    जब कभी  आंख में आंसू और और दिल में दर्द उठने को हुआ  पति की ताज़ी कमाई की चमक दिखाई दे जाती है । जब भी लगने लगता है कि दौलत के इस समंदर में कोई कहां है अपना वैसे ही तमाम नौकरों मातहतों  को काबू करने की तलब उठ जाती है और क्या कहूं कि उनको फटकार –   पुचकार कर ऎसा रूहानी सुकून मिलता है  कि  किस्मत वालों को ही नसीब होता है ऎसी सल्तनत ।
  अजी क्या कहा आज़ादी ?
हां आज़ादी है न  मेहनत  से आजादी , गरीबी से आज़ादी  , बेहिसाब आराम करने की , बेशुमार खर्च करने की आज़ादी । और घुटन कैसी ? दिनभर सजी धजी सहेलियां , रसीली बातें , खट्टी मीठी चुगलियां , पति से बात मनवाने के नए नुस्खे ,
 पति का प्यार ? जी वो मेरे खर्चने की ताकत से ज़्यादा कमाने का हौसला रखेगा तबतक तो मेरे दिल से उतर नहीं सकेगा । और वो मुझे अपने दिल से उतार दे ऎसी नौबत न आने देने के लिए मेरे पास एक अदद ज़बान , हुस्न और दुनियादारी के खौफ की चाबी है ही न ।
  वो दिन भर दुनिया से निपटता है पर मेरे तो सिलेबस में बस एक ही चेप्टर है  –
हाउ टु सॉल्व ए डिफिकल्ट पज़ल कॉल्ड हस्बेंड ” ।
सच बहना ।
मुझे किसी पुरुष को जिगरी  दोस्त बनाना है
सरेआम पीठ पर धौल जमाकर  मिलना है और घंटों बातों करनी हैं । पेट पकड़कर बीच गली ठहाके लगाने हैं ।  कंधे पर सर रखकर बॉस की , घरवालों की ज्यादती का रोना रोना हैं । किसी शनिवार देर रात तक बेवजह टहलाव करते हुए गुनगुनाते हुए घर लौटना है । सीटी बजाकर फोन खड़काकर जब तब उसे घर से बुलाकर नुक्कड़ पर खोमचे वाले के समोसे खाने खाने हैं । जब कभी गप करने पर आएं तो घड़ी  का मुंह दीवाल की ओर कर देना है और जमकर  देश ,समाज , राजनीति से लेकर  शरीर और बिस्तर की , जज़्बे और जुनून की सपनों की , धोखों की बातें  करते हुए   जी भर सिगरेट फूंकना है ।
जिंदगी का फर्स्ट हॉफ पापा की मजबूरियों , मां की भावनाओं के लिए नाम कर दिया था । अब यह दूसरा हाफ पति के नाम है । पति की कितनी सहेलियां  हैं पर मेरा कोई दोस्त नहीं की कुंठा को बराबरी में तब्दील करने की कई बार कोशिश की है । पर  किसी भी पुरुष के दोस्त बनने की संभावनाओं से ही ” कुछ तो गड़बड़ है के भाव वाली नज़रों का सामना करना होता है और दोस्ती की पींगें ज़रा भी बढ़ने पर घर -पति -बाल-बच्चों के प्रति जिम्मेदारियां नहीं निभाने का कलंक इंतज़ार कर रहा होता है ।
स्कूल के  दोस्त स्कूल में कॉळेज के कॉलेज में , दफ्तर के दफ्तर में छोड़ती आई हूं क्योंकि वो पुरुष थे ।  इतनी सहेलियां हैं  । गहनों कपडों,, सास , पति ,फिल्मों की बातें करो । मना किसने किया है राजनीति की देश की समस्याओं की बातें भी करो । किट्टी पार्टी करो । एक दूसरे के बच्चों के मुंडन जन्मदिन पर आओ जाओ । फोनों पर सूट का डिज़ाइन और चाइनीज़ फूड की रैसिपी शेयर करो । चांदनी चौक धूमो । फिल्म देख आओ । सब ऎलाउड तो है किसने रोका । यह हैरत तक कि बात नहीं है कि  जो एलाउड है है वह भी पता है और जो एलाउड नहीं है वह भी किसी को बताने दोहराने की ज़रूरत नहीं पड़ती । सब खुद ब खुद पता है ।
ये सीमाएं जिनमें कितनी सेफ्टी है ।  इसलिए यह सीमाएं नहीं है । पुरुष दोस्त बनाने में तीन रिस्क हैं । जमाने का तो है ही ।  दोस्त से भी है और खुद के बारे में भी निन्यांवे प्रतिशत ही तो श्योरिटी । बाकी का एक परसेंट ? वह कितना खतरनाक है । इस दोस्ती में लगातार ध्यान , सीमा , लोगों का पर्सेप्शन सब मैटर करता है । इतना मैटर करता है कि खुद को अपराधबोध् से भरने से बचाने में अच्छी खासी ताकत लग सकती है । इतनी ताकत कि कई बार लगे सब ठीक हैं मैं अकेली गलत हूं ।
 ठहाके , बेफिक्री , गप्पें तकरीरें , गलबहियां दोस्ती के मर्दाना तरीके हैं । औरतों के लिए दोस्ती के इस मतलब को खुद भी  समझ कर रहना होता है और दुनिया को भी समझाना होता है । जबकि यह दोनों ही काम  झक्क भरे हैं ।
यह समझाना दूसरों के लिए ” हम सब समझते हैं ” ही होकर रह जाता है । इतनी ताकत मुझमें नहीं कि जब सब  सब समझ रहें हों तो उनको वह समझाना चाहूं जो मैं महसूस करती हूं । मुझे बताना पड़ेगा कि मैं इश्कबाजी नहीं कर रही । मैं आवारा नहीं ।  मुझे  सेफ्टी और सर्टिफिकेट चाहिए  इसी स्ट्रक्चर में रहने के लिए । दोस्ती के लिए स्पेस तलाशते और उसके भाव को डिफेंड करते हुए अपना कितना भेजा खपाउं ?
वैसे भी मैंने आसपास कोई यारबाज़  औरत नहीं देखी अबतक । सब घरबारी , सभ्य , सहेलियों वाली , जिम्मेदार शरीफ औरतें हैं ।  एक मैं ही किसी पुरुष से गहरा यारान बनाने की कोशिश में अपना आगा पीछ क्यों बिगाडूं ।
हैलो-  हाय , काम की बात और बाय तक ही ठीक है ।
अधखिंची हैंडब्रेक 
मेरे हाथ से लगी गाड़ी की हैंडब्रेक लगी न लगी बराबर ही होती है । अक्सर यह बात इसलिए छिपी रह जाती है कि गाड़ी जहां पार्क की वहां की ज़मीन समतल निकली वरना एक दो बार गाड़ी धीमे धीमे बहते हुए जीले अपनी ज़िंदगी सिमरन वाली अंतर्चेतना से काम लेती पाए गई है और अक्सर किसी भलेमानस के द्वारा पहिए के नीचे लगाए गए पत्थर की बदौलत गाड़ी की और न जाने किस किस की जान बची है ।
कल गाड़ी जहां पार्क की पता नहीं था कि वहां की जमीन ऎसी ढलुवां निकलेगी । और हुआ वही जो हो सकता था । मेरे गाड़ी से उतरते ही अधलगी हैंडब्रेक से तुरंत रिवोल्ट करते हुए गाड़ी आगे को बहते हुए एक स्टॆशनरी दुपहिया को गिराकर शांत हुई । जूस की दूकान की भीड़ के कानों और आंखों को भिडंत के नाद् से उम्मीद जगी कि अब कहासुनी होगी और हमें काटो तो खून नहीं पर ।
मुझे लगा गाड़ी का मालिक इनमें से न हो बाकी तो संभाल लेंग़े पर उसी पल जूस पीते हुए गाड़ीवाला युवक अवतरित हो ही गया और मुझे लाड भरे शब्द सुनाई दिए ” ओहोहोहो मैम कोई बात नहीं ” और दिखाई दिया मेरे घबरा गए चेहरे को तसल्ली देता निहारता और गाडियों की गुत्थमगुत्थी को भी छुड़ाता एक शांत और प्यार भारा चेहरा । लगा यकीनन इन जनाब की कल्पना में दोनों गाड़ियां नहीं भिड़ीं बल्कि गाड़ियों के मालिक लतावेष्टित आलिंगन में बंधे हैं । उसकी कल्पना की कल्पना करते हुए मेरे मन ने शायद कहा कि अब जाने भी दीजिए “इतनी भी खूबसूरत नहीं हूं मैं ” और उनका धराशायी हो गया बैग उनको थमाते हुए न अपना लजाना छिपा सकी न अपनी घबराहट । नज़रें मिलाई थीं आए एम वेरी वेरी सॉरी कहने के लिए पर जनाब की आंखों में बिल्कुल अनेक्स्पेक्टिड सा जवाब तैर रहा था ” इट्स माय प्लैज़र । मैंने पूछा कहीं लगी तो नहीं तो जवाब में बस चमकती हुई आंखें देखीं और धड़कता हुआ दिल ही सुनाई दिया कि लगी तो ज़रूर है । दिल तो मेरा भी धड़क रहा था कि जाने आज क्या क्या होता होता रह गया पर छिपाने का हुनर मेरे पास उसके मुकाबले ज़्यादा था ।
घर जाकर बढ़ी हुई धड़कनों की कहानी कहते ही यही सुनने को मिलेगा कितुम भी न कितनी केयरलेस हो यार चलो अब एक सिपलार टेन ले लो वरना हांफती फिरोगी । पर मैं कहूंगी कि दिल का तेजी से धड़कना हर बार किसी बीमारी का ही नतीजा हो ज़रूरी नहीं जानू । और ज़रूर कहूंगी कि आप जो इतनी बेरहमी से कसी हुई हेंडब्रेक लगा देते हो कि मुझे अक्सर बहुत जद्दोजहद करनी पड़ती है और आखिरकार बगल से गुजरते किसी भलेमानस को बुलवाकर नीचे करवानी पड़ती है वगैरह वगैरह … ।

 खैर क्या बताना है क्या नहीं बताना यह तो अब घर जाकर ही ऑन द स्पॉट डिसाइड किया जाएगा । अभी रास्ते भर अपने दिल की चहक को तो सुन लूं  
 
      

About Neelima

Check Also

तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-10 अंतिम

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात …

26 comments

  1. कमैंट ज़रूरी है क्या …

  2. सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena69.blogspot.in/

  3. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (26.02.2016) को "कर्तव्य और दायित्व " (चर्चा अंक-2264)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

  4. What’s Happening i am new to this, I stumbled upon this I have found It absolutely useful
    and it has helped me out loads. I’m hoping to give
    a contribution & help other users like its helped me. Good job.

  5. Hello Dear, are you genuinely visiting this web page regularly, if so afterward you will without doubt obtain nice experience.

  6. Hi mates, pleasant article and pleasant arguments commented at this
    place, I am in fact enjoying by these.

  7. Good day! I know this is kinda off topic however I’d figured I’d ask.
    Would you be interested in exchanging links or maybe guest writing a blog post or vice-versa?

    My blog discusses a lot of the same subjects as yours and I believe we could
    greatly benefit from each other. If you’re interested feel free to shoot me an e-mail.
    I look forward to hearing from you! Awesome blog by the way!

  8. We’re a group of volunteers and opening a new scheme in our
    community. Your web site offered us with valuable information to work on. You have done an impressive job and our entire community will be
    thankful to you.

  9. Thanks for sharing your thoughts. I truly appreciate your efforts
    and I am waiting for your further write ups thank you once again.

  10. My partner and I stumbled over here by a different website and thought I might as well check things out.
    I like what I see so now i am following you.

    Look forward to exploring your web page again.

  11. Amazing things here. I am very satisfied to see your article.

    Thanks so much and I’m having a look forward to contact you.
    Will you please drop me a e-mail?

  12. hello there and thank you for your info – I
    have definitely picked up something new from right here.

    I did however expertise some technical points using this site, as
    I experienced to reload the web site a lot of times previous to I could get it to load
    correctly. I had been wondering if your hosting is OK? Not that I’m complaining,
    but sluggish loading instances times will very frequently affect
    your placement in google and could damage your high quality
    score if ads and marketing with Adwords. Well I’m adding this RSS to my e-mail and can look out for a lot more
    of your respective fascinating content. Make sure you update this again very soon.

  13. It is truly a nice and helpful piece of info.

    I’m satisfied that you shared this helpful information with us.
    Please stay us up to date like this. Thank you for sharing.

  14. Hey there would you mind letting me know which hosting company you’re working with?

    I’ve loaded your blog in 3 completely different web browsers and I
    must say this blog loads a lot quicker then most.
    Can you recommend a good web hosting provider at a fair
    price? Many thanks, I appreciate it!

  15. Hello, Neat post. There’s a problem with your site
    in web explorer, might test this? IE still is the market leader
    and a huge element of people will omit your fantastic writing due
    to this problem.

  16. Keep on working, great job!

  17. Wonderful items from you, man. I’ve keep in mind your stuff previous to and
    you are just too excellent. I really like what you’ve got here,
    certainly like what you are stating and the way
    by which you are saying it. You’re making it enjoyable and you still take care of to keep it wise.
    I can’t wait to read far more from you. This is actually a terrific web site.

  18. Hey there! Would you mind if I share your blog with my myspace group?
    There’s a lot of folks that I think would really enjoy your content.

    Please let me know. Thanks

  19. This is a topic which is close to my heart… Thank you!
    Where are your contact details though?

  20. Ahaa, its pleasant discussion about this post here at this weblog, I have read all that, so now me also commenting
    here.

  21. Nice weblog here! Also your site rather a lot up very fast!

    What web host are you the usage of? Can I am getting your associate hyperlink for your host?
    I desire my web site loaded up as fast as yours lol

  22. Hi there, the whole thing is going nicely here and ofcourse every one is sharing data, that’s really excellent, keep up writing.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *