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रेखा के रहस्य को उद्घाटित करने वाली किताब

इन दिनों यासिर उस्मान द्वारा रेखा पर लिखी गई किताब ‘रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी’ की अंग्रेजी में बहुत चर्चा है. जगरनौट प्रकाशन से प्रकाशित यह किताब अब हिंदी में भी आने वाली है. बहरहाल, युवा लेखिका दिव्या विजय ने अंग्रेजी की इस किताब को पढ़कर हिंदी में इसके ऊपर पहली टिप्पणी की है- मॉडरेटर 
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जुस्तजू जिसकी थी उसको तो  पाया हमने
इस बहाने से मग़र दुनिया देख ली हमने
सिरहाने रखी किताब के कवर को बहुत देर तक उलट पलट देखने के बाद पढ़ना शुरू किया। फ़्रंट और बैक पर रेखा की एक एक तस्वीर है जिन्हें पहले कई बार देखने के बावजूद एक़बारगी उनकी  ख़ूबसूरती में खोया जा सकता है। दूसरी ख़ूबसूरती किताब के भीतर है जिसे यासीर उस्मान ने अंकदरअंक अपनी किताब में उकेरा है। रेखा नेकिताब के लिए उनसे बात नहीं की फिर भी किताब पढ़ते हुए एक जादू ज़रूर जागता है क्योंकि किताब पूरी किए बग़ैर आप रख नहीं पाते। और रात एक बजे किताब ख़त्मकरने के बाद महसूस किया कि रेखा की बाबत भले ही जो भी किंवदंतियाँ प्रचलित हों वे भीतर से भी उतनी ही प्यारी और ख़ूबसूरत हैं। रात फिर यूँ डूबी कि उमराव जान मेरेफ़ोन में उतर आयी और रात भर गाती रही। 
यूँ मुझे लगता है रेखा अगर बात करतीं तो किताब की शक्ल दूसरी हो सकती थी और कई बातों पर से परदा उठ सकता था। फिर भी लेखक ने अपने शोध में कोई कसर नहींरख छोड़ी है। उनके जन्म से पहले से अब तक लेखक ने खोजबीन कर काफ़ी सामग्री जुटायी है। अधिकतर बातें लोगों को मालूम होंगी लेकिन एक जगह सारी बातों कोतारतम्यता से पढ़ रेखा की यात्रा को बेहतर तरीक़े से समझा जा सकता है। 
लेखक कहते हैं किताब के लिए लोगों के इंटरव्यू लेते वक़्त लोगों ने रेखा की बाबत घोर अश्लील बातें कहीं और उनके प्रेम सम्बन्धों पर बेहूदा बातें कीं। यह सब ‘ऑफ़रिकॉर्ड‘ कहा गया। उन्हीं लोगों ने ‘ऑन रिकॉर्ड‘ होने पर उनकी तारीफ़ में सामान्य वक्तव्य 
 
      

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2 comments

  1. अद्भुत समीक्षा …ऐसा लगा की मैंने पूरी किताब ही पढ़ ली…वैसे रेखा को बहुत न जानने के बावजूद उन्हे पढ़ने और समझने की एक जिजीविषा बनी ररहती है। शुक्रिया दिव्या जी

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