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Prabhat Ranjan

हबीब जालिब की नज़्म ‘लता’

यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ पढ़ रहा था तो उसमें इस बात के ऊपर ध्यान गया कि इंकलाबी शायर हबीब जालिब जब 1976  में जेल में बंद थे तो वे लता मंगेशकर के गीत सुना करते थे. उन्होंने कहा है कि जेल में उनको जो रेडियो दिया जाता …

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पुरातन शोक का अविस्मरणीय संगीत

25 अक्टूबर को निर्मल वर्मा की पुण्यतिथि है. इस अवसर पर हम समय समय पर कुछ सामग्री देते रहेंगे. आज उनकी रचनाओं के जादू, उसके प्रभाव को लेकर सुश्री श्री श्री का लेख   ========================================== निर्मल वर्मा, हिंदी साहित्य का एक ऐसा नाम जिन्होंने कला और कथ्य में शायद ही कोई …

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सीरज सक्सेना की कविताएं

सीरज सक्सेना जाने माने युवा चित्रकार हैं, सिरैमिक के कलाकार हैं। हमें हाल में ही पता चला वे कविताएं भी लिखते हैं। उनकी कुछ कविताएं आज खास आपके लिए- मॉडरेटर  ========================================= शून्य का श्रंगार -1 –  चुप है  रेल की पटरियाँ  एक दूसरे के बेहद पास  देह की गंध  बांधे …

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हरमिंदर सिंह की ‘एच.आर. डायरीज’

किताबों की ऑनलाइन बिक्री ने हिंदी सेल्फ पब्लिशिंग को बढ़ावा दिया है. हाल में ही एक उपन्यास हाथ आया ‘एच.आर. डायरीज‘, कंपनियों के एक एच. आर. विभाग के कार्यकलापों को लेकर लिखा गया. लेखक हैं हरमिंदर सिंह. लेखक का दावा है कि इस विषय को लेकर हिंदी में यह पहला …

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प्रीतपाल कौर की कहानी ‘खिड़की की आँख’

प्रीतपाल कौर एक जमाने में एनडीटीवी की एंकर थीं. संवेदनशील पत्रकार प्रीतपाल कौर की एक संवेदनशील कहानी- मॉडरेटर  ===================   खिड़की के बाहर का चौकोर आसमान का टुकड़ा खिड़की जितना ही बड़ा है. लेकिन इसमें से भी पूरा आसमान नहीं दिख रहा. दरअसल इस चौकोर खालीपन में जो मुख्य भरावट …

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‘मिर्ज्या’ फिल्म आई भी चली भी गई!

राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्ज्या’ पर सैयद एस. तौहीद की टिप्पणी- मॉडरेटर  ==========================================================   राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘मिर्जिया’ रिलीज़ हुई.. आपने देखी? दो कहानियों को साथ लेकर चलती इस फ़िल्म के एक छोर पर पंजाब की लोककथा मिर्जा-साहिबा का युग है. दूसरी कहानी आज के राजस्‍थान के आदिल-सुचि …

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यह फ़िल्म देखते हुए बरबस ही कामसूत्र याद हो आई!

‘पार्च्ड’ फिल्म को लेकर स्त्रीवाद के सन्दर्भ में काफी बहस हुई थी. यह लेख उसी फिल्म के बहाने लिखा है लेखिका दिव्या विजय ने- मॉडरेटर  ========= यह फ़िल्म देखते हुए बरबस ही कामसूत्र याद हो आई। नग्न अथवा कामक्रिया के दृश्यों के कारण नहीं वरन् देह की देह के प्रति …

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नवरात्र, बांगला संस्कृति और ‘अंधी छलांग’

नवरात्र के दौरान बांगला समाज के जीवन, उनकी संस्कृति और एक स्त्री के निजी जीवन की त्रासदी को लेकर बांगला भाषा की नई दौर की चर्चित लेखिका मंदाक्रान्ता सेन का उपन्यास है ‘अंधी छलांग’. आज महानवमी है. आज इस उपन्यास पर लिखा यह लेख. लिखा है हिंदी लेखिका शर्मिला बोहरा …

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शाज़ी ज़माँ का ‘अकबर’

अकबर भारतीय इतिहास के सबसे बड़े नायकों में एक हैं. उनके ऊपर पहला उपन्यास आ रहा है- ‘अकबर‘. लिखा है शाज़ी ज़माँ ने. प्रकाशक है राजकमल प्रकाशन. आज जानकी पुल के पाठकों के लिए उसका एक अंश- मॉडरेटर यह उपन्यास  लेखक ने कल्पना के बूते पर नहीं, बाज़ार से दरबार तक …

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धोनी के मौन सन्यास पर फिल्म भी मौन है!

धोनी कई बार पॉल कोएलो के उपन्यास ‘अलकेमिस्ट’ के नायक की तरह लगता है, जिसने सपने देखे और उनको हकीकत में बदल दिया। “एमएस धोनी-अनटोल्ड स्टोरी” उसी नायक की कहानी है। नीरज पांडे के इस बायोपिक पर आज नवल किशोर व्यास का लेख- मॉडरेटर  =================================================== धोनी पर बनी फिल्म देखनी …

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