वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह के कविता संग्रह ‘खोई हुई चीजों का शोक’ पर यह टिप्पणी लिखी है वरिष्ठ लेखिका जया जादवानी ने। राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित सविता सिंह के कविता संग्रह पर यह टिप्पणी आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== ‘खोई हुई चीजों का शोक’ सविता सिंह का नया कविता …
Read More »मैं शहर में नहीं शहर मुझमें बस गए!
पूनम दुबे दुनिया के अलग अलग शहरों पर लिखती रही हैं। डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पर पहले भी लिख चुकी हैं। इस बार वहाँ के समर यानी गर्मियों पर लिखा है। पढ़िएगा- =============== जून के साथ-साथ कोपनहेगन में समर का आगमन हो गया है। महीनों से फ़िज़ा में लिपटी उलझी …
Read More »आज के संकट और हिंदी कहानी: मनोज कुमार पांडेय
हिंदी कहानी की समकालीन चुनौतियों पर पढ़िए जाने माने कथाकार मनोज कुमार पांडेय का यह लेख- ========================== सबसे पहले तो यही सवाल उठता है कि आज के संकट कौन से हैं जिनसे हमारे लोग दो-चार हैं। इनका स्वरूप क्या है? इनका इतिहास भूगोल क्या है? वे अभी-अभी पैदा हुए हैं …
Read More »प्रिया वर्मा की पाँच कविताएँ
आज पढ़िए युवा कवयित्री प्रिया वर्मा की कविताएँ। अंग्रेज़ी से एमए प्रिया वर्मा सीतापुर में रहती हैं और स्वतंत्र लेखन करती हैं। इनकी कविताओं में ताज़गी दिखाई देती है- ========================== १- कवि में समय की दृष्टि अनायास ऐसे जागती है कि वह मृत्यु से प्रेम करते हुए लिखता …
Read More »दृश्य को अनुभूत करते यात्रा संस्मरण : आँख भर उमंग
राजेश कुमार व्यास के यात्रा-संस्मरण पुस्तक ‘आँख भर उमंग’ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक-कवि चन्द्रकुमार ने- =================== जीवन-यापन के लिए रोटी-कपड़ा-मकान का समुच्चय निस्संदेह सर्वाधिक ज़रूरी है लेकिन जीवन ‘जीने’ के लिए इससे कुछ अलग की अभिलाषा भी होती है। कुछ ऐसी वृत्ति या वृत्तियाँ जो हमारे अन्तर्मन …
Read More »हृषीकेश सुलभ की कहानी ‘तूती की आवाज़’
आज पढ़िए प्रसिद्ध लेखक हृषीकेश सुलभ की कहानी ‘तूती की आवाज़’। करीब 25 साल पहले ‘कथन’ पत्रिका में प्रकाशित यह कहानी आज के संदर्भ में बहुत प्रासंगिक लगने लगी है। ======================== मुरली बाबू चीख़ते हुए नींद से जागे। वैसे उनके जागने का समय हो चुका था, पर इस तरह कभी नहीं …
Read More »ज्योति नंदा की कहानी ‘मैं एक चाभी ढूँढ रही हूँ’
आज पढ़िए ज्योति नंदा की कहानी। ज्योति नंदा ने कई वर्षो तक विभिन्न हिन्दी अखबारों में स्वतंत्र लेखन किया। थोडे समय रंगमंच से जुड़ाव। 2017 से फिल्म निर्माण के क्षेत्र मे कथा पटकथा लेखन जारी। “रंगम फिल्मस” से जुड़ कर कॉटन कैंडी, ‘वाशरूम’, ‘दोहरी सोच’ तथा एक निर्माणाधीन शार्ट फिल्म …
Read More »नेपाली भाषा के कवि जनक कार्की की कविताएँ
आज पढ़िए नेपाली भाषा के कवि जनक कार्की की कविताएँ। नेपाली से उनका अनुवाद किया है अहमद साहिल ने- ============== (विवेकशील मनुष्य) पहले, जब गिद्ध को गोश्त खाते हुए देखा मनुष्य ने अनुसरण किया ‘मरा हुआ खाना’। जब बाघ को बकरी खाते हुए देखा मनुष्य ने अनुसरण किया …
Read More »‘बोलो न दरवेश’ कविता संग्रह की समीक्षा
कवयित्री स्मिता सिन्हा के कविता संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ पर एक टिप्पणी पढ़िए। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह की समीक्षा लिखी है युवा लेखक जगन्नाथ दुबे ने। आप भी पढ़िए- =================== हिन्दी कविता के परिसर को अगर एक वृत्त के रूप में कल्पित करें तो पाएंगे कि जैसे-जैसे …
Read More »भावना शेखर की कहानी ‘सैलाब’
जानी-मानी लेखिका भावना शेखर की कहानी पढ़िए। बहुत अछूते विषय पर है- =========================================== पिछले महीने रीना नर्सरी से स्नेक प्लांट, डेज़र्ट रोज़ और बेगोनिया के अलावा लाजवंती का पौधा खरीद लाई थी। बाकी सब के रखरखाव की तो खास चिंता नहीं किंतु इस लाजवंती का नाम छुईमुई यूं ही थोड़े …
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