Home / Prabhat Ranjan (page 27)

Prabhat Ranjan

फियर एंड लोथिंग इन अ हिंदी क्लासरूम

नमन नारायण बीए मासकॉम के छात्र है और एक उभरते हुए लेखक। उनका यह लेख पढ़िए जो स्कूल में हिंदी पढ़ने के अनुभवों को लेकर है। व्यंग्य की शैली में किस तरह गम्भीर सवाल उठाए जा सकते हैं वह इस लेख में दिखाई देता है। आप भी पढ़िए- ===================================== उस …

Read More »

पल्लवी पद्मा उदय की कविताएँ

पल्लवी पद्मा-उदय द्विभाषी लेखक, पत्रकार और कवि हैं। यूनाइटेड किंगडम की क्वींस यूनिवर्सिटी में बिजनेस हिस्ट्री के अध्ययन के साथ-साथ उनका पहला अंग्रेजी कविता संग्रह २०२२ में प्रकाशित हो रहा है। इसके पहले पल्लवी लंदन में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पोस्टग्रेजुएट अध्ययन कर रही थीं। आयरलैंड आर्ट्स काउंसिल के …

Read More »

माधव हाड़ा का लेख ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भारतीय संस्कृति और परंपरा’

प्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा के आलेखों का संकलन सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है ‘देहरी पर दीपक’। उसी संग्रह से एक लेख पढ़ते हैं- =============================== अभिव्यक्ति मनुष्य अस्तित्व की नैसर्गिक ज़रूरत है। मनुष्य अस्तित्व की संभावनाओं के पल्लवन और संपूर्ण विकास के लिए अभिव्यक्ति की निर्बाध और अकुंठ आज़ादी बहुत …

Read More »

  विमलेश त्रिपाठी की ग्यारह कविताएँ

विमलेश त्रिपाठी समकालीन हिंदी कविता में जाना-पहचाना नाम है। उनकी तीन कविता संग्रहों का एक जिल्द में प्रकाशन हुआ है जिसका नाम है ‘लौटना है एक दिन’। प्रलेक प्रकाशन से प्रकाशित इस कविता संग्रह से चयनित 11 कविताएँ पढ़िए- ========================== 1  लोहा और आदमी     वह पिघलता है और …

Read More »

‘सौंदर्य जल में नर्मदा’ आनंद कुमार सिंह की नहीं बल्कि साहित्य की काव्य-सम्पदा है

आनंद कुमार सिंह का कविता संग्रह ‘सौंदर्य जल में नर्मदा’ बहुत अलग तरह का कविता संग्रह है, इसमें नर्मदा नदी को लेकर कवि की लिखी गई कविताएँ हैं। इसी संग्रह पर टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका प्रियंका नारायण ने- =============================== सौंदर्य जल में नर्मदा क्रमवार ख़ोज और सिलसिलों के बीच …

Read More »

दीपा गुप्ता की कुछ कविताएँ

दीपा गुप्ता कवि रहीम पर अपने काम के लिए जानी जाती हैं। वह संवेदनशील कवयित्री हैं और हाल में ही उनका कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘सप्तपदी के मंत्र’ नाम से। उसी संग्रह से कुछ कविताएँ- =================   शहरी भेड़िए ——————- तुम्हारे गाल पर पड़े मेरी उँगलियों के निशान मेरी …

Read More »

मदन पाल सिंह के उपन्यास ‘हरामी’ का एक अंश

युवा लेखक मदन पाल सिंह को हम हिंदी वाले अनेक रूपों में जानते हैं। सबसे पहले उनको हमने फ्रेंच-हिंदी अनुवादक के रूप में जाना। इस क्षेत्र में उनका नाम जाना-माना है। पिछले साल उन्होंने एक उपन्यास लिखा ‘हरामी’। यह उपन्यास पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जीवन का जीवंत दस्तावेज है। आइए …

Read More »

जमुनिया वाली अच्छी औरत नहीं है ?

           आज नरेश जैन की कहानी पढ़िए। वे पेशे से अध्यापक रहे हैं। उनकी यह कहानी में ग्रामीण समाज का यथार्थ है जो आज भी प्रासंगिक है- ================================    सारा गाँव उसे जमुनिया वाली के नाम से पुकारता है. उसका मायका जमुनिया में है और ससुराल अभी …

Read More »

गीताश्री से उनके नए उपन्यास ‘अंबपाली’ पर बातचीत

गीताश्री का नया उपन्यास आया है ‘अंबपाली’। वैशाली की इस ऐतिहासिक किरदार को लेकर बहुत लिखा गया है। लेकिन गीताश्री का लेखन-विश्लेषण बहुत अलग है। मुझे एक बात और समझ नहीं आ रही थी कि अंबपाली पर किसी स्त्री ने विस्तार से क्यों नहीं लिखा? इन्हीं सवालों के जवाब जानने …

Read More »

देवेश की किताब ‘पुद्दन कथा: कोरोना काल में गाँव-गिराँव’ का एक अंश

हाल में युवा लेखक देवेश की किताब आई है ‘पुद्दन कथा’। कोरोना काल की ग्राम कथा की तरह लिखी गई यह किताब बहुत प्रभावित करती है। त्रासदी की कथा को ब्लैक ह्यूमर की तरह लिखा गया है। आप राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित इस किताब का एक अंश पढ़िए- =================== …

Read More »