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युवा शायर #5 अज़हर इक़बाल की ग़ज़लें

अच्छी शायरी करना एक बात है और अच्छा इंसान होना दूसरी बात। अज़हर इक़बाल, जितनी अच्छी शायरी करते हैं उतने ही बेहतर इंसान भी हैं। उनसे मिलते हुए यूँ महसूस होता है, जैसे कभी बिछड़े ही न थे। बात करते हुए लगता है कि गुफ़्तगू कभी ख़त्म न हो। ऐसा …

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युवा शायर #4 नकुल गौतम की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है नकुल गौतम की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 अब मेरे दिल में नहीं है घर तेरा ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा हाँ! ये माना है मुनासिब डर तेरा आदतन नाम आ गया लब पर तेरा भूल तो जाऊँ तुझे पर क्या करूँ उँगलियों …

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उर्दू ज़बान के बनने की कहानी #1

इन दिनों उर्दू के जानने-चाहने वालों के बीच उर्दू ज़बान के बनने को लेकर चर्चा गर्म है। ऐसा नहीं है कि ये चर्चा पहली दफ़ा शुरू हुआ है। (उर्दू में चर्चा (पु.) होता है, जबकि हिंदी में चर्चा (स्त्री.) होती है) गाहे-बगाहे ये चर्चा शुरू होकर ख़त्म हो जाता है। …

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युवा शायर #3 आलोक मिश्रा की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है आलोक मिश्रा की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1- लबालब दुःख से था क़िस्सा हमारा मगर छलका नहीं दरिया हमारा असर उस पर तो कब होना था लेकिन तमाशा बन गया रोना हमारा मगर आने से पहले सोच लो तुम बहुत वीरान है रस्ता हमारा …

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युवा शायर #2 पूजा भाटिया की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में, आज पेश है पूजा भाटिया की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1. यूँ ही चलते रहने से भी क्या होगा अपना कहने को बस इक रस्ता होगा सहरा, जंगल, दश्त न वीराना कोई दीवाने का घर जाने कैसा होगा तुम भी दरिया को दरिया बन कर देखो तुम …

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युवा शायर #1 सालिम सलीम की ग़ज़लें

जानकीपुल की नई पेशकश-युवा शायर। इस सीरीज के तहत उर्दू में लिखने वाले युवा शायर/शायरा की रचनाएँ प्रकाशित की जाएँगी। आप लुत्फ़ अंदोज़ हों। हौसला अफ़ज़ाई करें। आज पढ़ें पहला पोस्ट, सालिम सलीम की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1. कनार-ए-आब तिरे पैरहन बदलने का मिरी निगाह में मंज़र है शाम ढलने …

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‘अनारकली’ के किरदार से मुझे रानी बेगम की याद आती है!

‘अनारकली ऑफ़ आरा’ में अनारकली को देखते हुए मुझे बार-बार अपने मुजफ्फरपुर की रानी बेगम की याद आती है. रानी चतुर्भुज स्थान के आखिरी दौर की सबसे बड़ी डांसर थी, जिसका सट्टा बंधवाना एक जमाने में मुज़फ्फापुर और आसपास के जिले के जमींदारों के लिए बड़ी बात समझी जाती है. …

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ऐसा नॉवेल, जिसे पढ़ने के लिए उर्दू सीखी जा सकती है

पिछले साल उर्दू में एक किताब छपी थी। नाम है- रोहज़िन, जो रहमान अब्बास का लेटेस्ट नॉवेल है। ग़ौर करने लायक बात ये है कि छपने से लेकर आज तक इस किताब ने उर्दू की गलियों में धूम मचा रखी है। किताब से गुज़रते हुए कई बातें ख़याल में आती …

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बादशाह औरंगजेब आलमगीर की प्रेम कहानी से जुड़ा एक किस्सा

प्रकाश के. रे पेशे से पत्रकार हैं.  इतिहास-राजनीति की गहरी समझ रखने वाले हिंदी के कुछ दुर्लभ पत्रकारों में हैं. औरंगजेब के जीवन से जुड़े इस प्रसंग को देखिये उन्होंने किस तरह से सही समय पर याद किया है- मॉडरेटर ================================================== इतिहास भले ही महलों और मैदानों में तय होता …

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हमारा प्रेम सिलवटों में कहीं निढाल पड़ा है

इला जोशी की कविताएँ पढ़ते हुए यूँ महसूस होता है, जैसे किसी परिंदे को इस शर्त पर रिहाई मिले कि उसके पंख काट दिए जाएँगे। इन कविताओं में एक अजीब क़िस्म की बेचैनी दफ़्न है, जिसे किसी पवित्र स्पर्श की प्रतीक्षा भी है और उस स्पर्श से छिल जाने का …

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