मर्लिन मुनरो 1950 के दशक की हॉलीवुड की सबसे चर्चित अदाकारा रही हैं. उनका जन्म 1 जून, 1926 को अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में हुआ. मर्लिन जब पैदा हुईं तो उनकी मां बहुत खराब मनोस्थिति से गुजर रही थी. पिता कौन था. पता नहीं था. जब वो छोटी थी तो …
Read More »अकीरा कुरोसावा की आत्मकथा का एक अंश
महान फिल्मकार अकीरा कुरोसावा ने अपनी आत्मकथा ‘समथिंग लाइक एन ऑटोबायोग्राफी’ में अपने आरंभिक जीवन के बारे में लिखा है, अपने सिनेमाई अनुभवों-विचारों को भी रखा है. उसी के एक छोटे-से अंश का अनुवाद- जानकी पुल. ==================== मुझे लगता है कि आत्मकथा जैसा कुछ लिखने का विचार मुझे फ्रेंच फिल्म-निर्देशक ज्यां रेने की आत्मकथा पढते …
Read More »कितना प्यार करता हूँ मैं इण्डियन फ़िल्म्स से!
एक उभरते हुए रूसी बाल-साहित्यकार हैं- सिर्गेइ पिरिल्यायेव। उन्हें भारत और भारतीय फिल्मों से दीवानगी की हद तक प्यार है। अपनी जीवनी भी उन्होंने “इण्डियन फिल्म्स ” नाम से लिखी है। उसी किताब से एक अंश जिसका अनुवाद किया है आ. चारुमति रामदास – ============================== पहली इण्डियन फ़िल्म, जो मैंने देखी, वो थी फ़िल्म …
Read More »किस्सागोई : वाचिक परंपरा का नया दौर:हिमांशु बाजपेयी
राजकमल स्थापना दिवस पर आयोजित ‘भविष्य के स्वर’ में एक वक्तव्य प्रसिद्ध दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी का भी था। हिंदुस्तानी की वाचिक परम्परा के वे चुनिंदा मिसालों में एक हैं। उनको सुनते हुए लुप्त होती लखनवी ज़ुबान की बारीकी को समझा जा सकता है। एक बार उनके दास्तान को सुनकर मनोहर …
Read More »मोमबत्ती दिलवाली रात भर जलती रही
सुरेन्द्र मोहन पाठक ने अपनी आत्मकथा के दूसरे खंड ‘हम नहीं चंगे बुरा न कोय’ में अमृता प्रीतम से मुलाक़ात का ज़िक्र किया। आत्मकथा के पहले खंड में उन्होंने इंद्रजीत यानी इमरोज़ के बारे में लिखा था, दूसरे खंड में भी उन्होंने लिखा है कि एक कलाकार के रूप में …
Read More »युवा शायर विजय शर्मा की कहानी ‘लिविंग थिंग’
आज पेश है युवा शायर विजय शर्मा की कहानी लिविंग थिंग – त्रिपुरारि ==================================================== छुट्टियों वाले दिन नींद अक्सर जल्द खुल जाया करती है..यदि छुट्टी सोमवार की हो, तो शायद और भी जल्द.. सुबह के नौ बज चुके थे और अयान अबतक अपनी बिस्तर में क़ैद था.. हालाँकि पिछले दो …
Read More »शहनाज़ रहमत की ग़ज़लें
आज पेश है शहनाज़ रहमत की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 दर्दे दिल हूँ मैं किसी का या कोई सूनी नज़र कुछ पता मुझको नहीं है कौन हूँ मैं क्या ख़बर गर्दिशें मुझको जलातीं अपनी भट्टी में अगर, ख़ूब सोने सी निखरती और जाती मैं सँवर मुझ से मेरा रास्ता …
Read More »नबीना दास की गद्य कविताएँ
हिंदी में गद्य कविता एक ऐसी विधा है, जिसे अभी एक्सप्लोर किया जाना बाक़ी है। कुछ लोग कभी-कभार हाथ आज़माते रहते हैं। लेकिन दूसरी भाषाओं में ये काम निरंतर हो रहा है। कभी कभी ख़याल आता है कि अगर अनुवाद की सुविधा न होती, तो हम अपनी ज़िंदगी में कितनी …
Read More »युवा शायर #23 वर्षा गोरछिया की नज़्में
युवा शायर सीरीज में आज पेश है वर्षा गोरछिया की नज़्में – त्रिपुरारि ====================================================== नज़्म-1 तुम आओ एक रात कि पहन लूँ तुम्हें अपने तन पर लिबास की मानिंद तुम को सीने पे रख के सो जाऊँ आसमानी किताब की मानिंद और तिरे हर्फ़ जान-ए-जाँ ऐसे फिर मिरी रूह में …
Read More »युवा शायर #22 मस्तो की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है मस्तो की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 जोडऩे में रात दिन खुद को लगा रहता हूँ मैं कौन ये कहता है की यक्सर बना रहता हूँ मैं आईनों के शोर से हरदम घिरा रहता हूँ मैं देख के फिर अक्स अपना क्यों डरा …
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