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Tag Archives: अलका सरावगी

समय से परे अपने समाज को देखने को उम्दा कोशिश

पिछले 25 साल के उपन्यास लेखन की सबसे बड़ी पहचान अलका सरावगी के नए उपन्यास ‘एक सच्ची झूठी गाथा’ पर सुधांशु गुप्त की यह टिप्पणी. अलका सरावगी का यह उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है- मॉडरेटर ====================================================== रियल और अनरियल दुनिया की एक सच्ची झूठी गाथा सुधांशु गुप्त उपन्यास …

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अलका सरावगी के नए उपन्यास का अंश

अलका सरावगी मेरी सबसे प्रिय लेखिकाओं में हैं. उनका हर उपन्यास जीवन को, समाज को समझने की एक नई खिड़की खोलता है. हर बात वही चिर परिचित किस्सागोई, वही कोलकाता लेकिन लेकिन एक नई छवि. समकालीन लेखकों में ऐसा किस्सागो दूसरा नहीं. फिलहाल उनके नए उपन्यास का अंश. अंश से …

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उपन्यास लिखना समुद्र में तैरने जैसा है

आज से दिल्ली के इण्डिया हैबिटेट सेंटर में भारतीय भाषाओं के साहित्योत्सव ‘समन्वय’ की शुरुआत हुई. इस बार इसमें अन्य लेखकों के अलावा हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका अलका सरावगी भी मौजूद रहेंगी. अलका सरावगी कहीं किसी कार्यक्रम में कम ही दिखाई देती हैं. अपने पहले ही उपन्यास ‘कलिकथा वाया बाईपास’ …

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