अशोक कुमार पाण्डेय की कविता का पाठ प्रस्तुत है। पिता पर लिखी अशोक कुमार पाण्डेय की इस कविता का यह पाठ किया है जानी-मानी कवयित्री सुमन केसरी ने। पढ़कर राय दीजिएगा- जानकी पुल ========================================== तो पहले कविता पढ़ें फिर पाठ…लौट लौट कविता पर आएँ, बस यही मकसद है इस पाठ …
Read More »क्या शादी प्रेम की ट्रॉफी होती है?
आज विश्व पुस्तक मेला का अंतिम दिन है. इस बार बड़ी अजीब बात है कि हिंदी का बाजार बढ़ रहा है दूसरी तरफ बड़ी अजीब बात यह लगी कि इस बार किताबों को लेकर प्रयोग कम देखने में मिले. प्रयोग होते रहने चाहिए इससे भाषा का विस्तार होता है. लेकिन …
Read More »देखना होगा कि ऐसे कटघरे कहाँ-कहाँ हैं?
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के लेख पर पहले कवि-संपादक गिरिराज किराडू ने लिखा. अब उनके पक्ष-विपक्षों को लेकर कवि-कथाकार-सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार पांडे ने यह लेख लिखा है. इनका पक्ष इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि श्री मंगलेश डबराल अपनी ‘चूक’ संबंधी पत्र इनको ही भेजा था और फेसबुक पर …
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