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Tag Archives: इरशाद खान सिकंदर

इरशाद खान सिकंदर की कहानी ‘मदारी’

इरशाद ख़ान सिकन्दर जाने पहचाने युवा शायर हैं। वे उन शायरों में हैं जो गद्य भी अच्छा लिखते हैं। जैसे यह कहानी पढ़िए। एक अलग मिज़ाज की कहानी जो पूरी रवानी के साथ चलती है। आप भी पढ़िए- =============== तमाशबीन! वो एक तमाशबीन था।सर से पाँव तक तमाशबीन ही तमाशबीन।चेहरे-मोहरे …

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जौन एलिया का लेख ‘मर्द बुर्का ओढ़ें’

शायर इरशाद ख़ान सिकन्दर ने हाल में ही ‘ज़ौन एलिया का जिन्न’ नामक नाटक लिखा है जिसका निर्देशन जाने माने रंग निर्देशक रंजीत कपूर ने किया है और जिसका प्रदर्शन होने वाला है। उसके लिए उन्होंने काफ़ी शोध किया। उसी दौरान उनको ज़ौन साहब का यह लेख मिला। उन्होंने इस …

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 इरशाद ख़ान सिकन्दर की व्यंग्य कहानी ‘सिलवट भोजपुरिया’

इरशाद खान सिकंदर मूलतः शायर हैं। लेकिन लेकिन वे उन दुर्लभ शायरों में हैं जो गद्य भी बाकमाल लिखते हैं। अब यह व्यंग्य ही पढ़िए- मॉडरेटर ============                                         बात पुरानी है मगर …

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इरशाद ख़ान ‘सिकन्दर’ की कहानी ‘अधूरा उपन्यास’   

बहुत कम शायर होते हैं जो गद्य भी अच्छा लिखते हैं उन्हीं कुछ शायरों में इरशाद खान ‘सिकंदर’ हैं, उनकी यह कहानी ‘हंस’ में आई है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== रात के डेढ़ बजे ही मुशायरा ख़त्म हो चुका था और अहमद की परेशानी शुरू हो चुकी थी, उसके …

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रउफ रज़ा की गज़लें: इरशाद खान सिकंदर की प्रस्तुति

2 दिसम्बर 2016 को रऊफ़ रज़ा साहब के इन्तक़ाल की ख़बर ने मुझ समेत तमाम नौजवानों को भी गहरा दुख पहुँचाया था| इसका कारण ये नहीं था कि रऊफ़ साहब अच्छे शायर थे या सीनियर शायर थे(वो तो और लोग भी हैं) बल्कि कारण ये था कि रऊफ़ साहब का …

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फ़रहत एहसास की चुनिन्दा ग़ज़लें

फरहत एहसास उर्दू के संजीदा शायरों में प्रमुख नाम हैं. अनेक लोगों का यह कहना है कि सबसे प्रमुख नाम है. उनकी चुनिन्दा ग़ज़लें जिनका चयन किया है युवा शायर इरशाद खान सिकंदर ने-मॉडरेटर 1 ख़ुशी हुई जो मिला ग़म कि ग़म ही चाहते थे हम अपनी ख़ाके-मुहब्बत को नम …

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इरशाद ख़ान सिकन्दर की कहानी ‘मंडी हाउस’

इरशाद खान सिकंदर नई नस्ल के कुछ अच्छे शायरों में एक हैं. नहीं पता था कि वे कहानियां भी लिखते हैं. उनकी एक कहानी उनकी पुरखुलूस शायराना जुबान में- मॉडरेटर ============== हवा– मैं मंडी हाउस की हवा हूँ और राही मासूम रज़ा के “समय” की छोटी बहन हूँ, मंडी हाउस …

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इरशाद ख़ान सिकंदर की ग़ज़लें

असली नाम, छद्म नाम की बहसों से अलग कुछ अच्छी ग़ज़लें पढ़िए. इरशाद खान सिकंदर की गजलों की किताब आई है- आंसुओं का तर्जुमा. उसी anybook प्रकाशन से जिसने कुछ समय पहले जौन एलिया की किताब ‘गुमान’ छापी थी.  1. बन्द दरवाज़े खुले रूह में दाख़िल हुआ मैं चन्द सज्दों …

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