क्या ज़माना आ गया है! पहले लिखने का मतलब होता था कुछ अच्छी अच्छी बातें. आजकल लेखक उपन्यास लिखते हैं और उसका नाम ही रख देते हैं ‘गंदी बात’. क्षितिज रॉय का उपन्यास ‘गंदी बात’ चुटीली भाषा में लिखा गया एक उपन्यास है, उसको पढ़कर कटीली भाषा में युवा पत्रकार-लेखिका …
Read More »रंगभेद नहीं ये किरकेटवाद है!
क्रिकेट विश्व कप में इण्डिया ने पाकिस्तान को क्या हराया बहुतों ने मान लिया कि इण्डिया ने विश्व कप जीत लिया. सबको अपने अपने क्रिकेट दिन याद आने लगे. युवा लेखक क्षितिज राय ने अपने क्रिकेट इतिहास की रोमांचक कथा लिखी है. पढियेगा- मॉडरेटर. ========================================= तो भारत ने …
Read More »क्षितिज रॉय की कहानी ‘लड़का, लड़की और तीव्र मुद्रिका’
इधर क्षितिज राय की कहानियों की शैली ने मुझे बहुत प्रभावित किया है. नीलेश मिश्रा की मंडली के लेखक रहे हैं इसलिए कहानी में संतुलन की कला से अच्छी तरह वाकिफ हैं. दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के विद्यार्थी हैं इसलिए समकालीन युवाओं के मानस को बढ़िया से समझते हैं. मुख्यधारा, …
Read More »लड़की, लड़का, डेट… और घंटे भर का मार्क्सवाद!
हाल के वर्षों में हिंदी में कहानियों की एक शैली नीलेश मिश्र के लोकप्रिय रेडियो प्रोग्राम के लिए लिखने वालों ने भी विकसित की है. ऐसे ही एक लेखक क्षितिज रॉय की कहानियां हाल में पढ़ी. वे वे दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के विद्यार्थी हैं, छोटी छोटी कहानियां लिखते हैं. …
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