सच बताऊँ तो समकालीन मध्यवर्गीय जीवन की जद्दोजहद हिंदी के लेखक कहाने वाले लेखकों में अब कम दिखाई देती है. सब एक तरह के फॉर्मुले में फँस जाते हैं, अपने ही बनाए दायरे में. फौज़िया रेयाज़ की यह कहानी पढ़ते हुए यह विचार आये. पेशे से रेडियो जौकी हैं, कॉपी राइटर …
Read More »