हंगारी कवि अतिला यूसुफ की कविताएँ: मेरा कोई पिता नहीं, न माँ, न ईश्वर, न देश, न झूला, न कफन , न चुंबन और न ही प्यार। तीन दिनों से मैंने खाया नहीं, कुछ भी नहीं। मेरे 20 साल एक ताकत हैं। मेरे ये बीस साल बिकाऊ हैं। यदि खरीदनेवाला कोई …
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