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Tag Archives: मिथिलेश कुमार राय

मिथिलेश कुमार राय की टटकी कविताएँ

मिथिलेश कुमार राय मेरे प्रिय कवियों में एक हैं. इनकी कविताओं को पढ़ते हुए मुझे अपने जीवन में छूटे हुए ग्रामीण-कस्बाई दृश्य, शब्दावली याद आ जाती है. वे बहुत सहजता से हाशिये के जीवन का काव्यात्मक वृत्तान्त रच देते हैं. आज उनकी मन भर कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर ========================   पिता …

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मिथिलेश कुमार राय का उपन्यास-अंश ‘करिया कक्का की आत्मकथा’

मिथिलेश कुमार राय ग्रामीण जीवन को लेकर बहुत जीवंत लेखन करते हैं. उसकी राजनीति से अलग उसके जीवन को सहज रूप में देखने की कोशिश करते हैं. वे आजकल उपन्यास लिख रहे हैं ‘करिया कक्का की आत्मकथा’. उसी का एक अंश- मॉडरेटर ======= ‘काकी, कक्का हैं? जरा दरवाजे पर भेज …

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गाँव-घर के कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ

मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ पढता हूँ तो गाँव-घर याद आ जाता है. कुछ आप भी पढ़िए- मॉडरेटर =============================================  सूखना खेतों में हरे धान की बालियाँ सूख रही हैं बिछी दूब पर जूट सूख रहे हैं गड्ढे में जमा सावन का पानी सूख रहा है धूप में चलते-चलते चेहरे सूख …

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मिथिलेश कुमार राय की कविताएं

मिथिलेश कुमार राय की कविताओं में में दुःख की ऐसी आवाज है जिसका साधारणीकरण अपने साथ होने लगता है. नाउम्मीद समय में उम्मीद की तरह उनकी कविताओं का अस्वाद लीजिये- मॉडरेटर  ================================================================= बड़े लोग — बड़े लोगों को देखने का मौका कभी-कभी ही मिल पाता था कक्का समझते थे कि …

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सावन धान रोपने के मौसम को कहते हैं

आज युवा कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ. कुछ खिच्चे अनुभव, कुछ दृश्य, कुछ सच्चाइयां मिथिलेश की कविताओं का वितान रचते हैं. उनका बयान बहुत अलग है, बहुत सच्चा. मसलन सावन से उनको याद आता है कि यह धान रोपने का मौसम है. पढते हैं उनकी आठ कविताएँ- जानकी पुल. …

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