आज प्रस्तुत हैं रविदत्त मोहता की कविताएँ – संपादक ========================================================= यादें कभी अस्त नहीं होती मैं यादों के आसमान का पक्षी हूँ सदियां हो गयीं मैं सो नहीं पाया यादों के आसमानों का सूर्यास्त हो नहीं पाया कोई कहता है मैं किताब हूं कोई कहता हिसाब हूं पर मैं तो …
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