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Tag Archives: स्त्री-विमर्श

मौलिकता की बात लेखिकाओं के सन्दर्भ में ही क्यों उठाई जाती है?

पढ़ने में जरा देर हुई. कुछ तो इच्छा भी नहीं हो रही थी. लेकिन मित्रों के फोन से, फेसबुक से यह पता चल रहा था कि एक अति-वरिष्ठ लेखक ने एक वरिष्ठ लेखक(मैं उनकी तरह महुआ मांझी जी को युवा लेखिका नहीं लिख सकता) के बारे में कुछ ऐसा लिख …

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