आज हिंदी दिवस है लेकिन बजाय रोने ढोने के या ‘जय हिंदी! जय हिंदी!’ का झंडा उठाने के बजाय आज पढ़ते हैं हिंदी की आलोचना को लेकर कवि-लेखक, ‘समालोचन’ जैसे सुपरिचित ब्लॉग के मॉडरेटर अरुण देव के विचार- मॉडरेटर. ========================== १. हिंदी के आदि संपादक आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी जब रेलवे …
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