अंग्रेजी की जानी-मानी कवयित्री अरुंधति सुब्रमणियम की ये कविताएं ‘लोकमत समाचार साहित्य वार्षिकी‘ में पढ़ी थी. गहरे इंगितों वाली इन कविताओं को जाने कब से साझा करना चाहता था. आज बरसाती सुबह में कर रहा हूँ. पढियेगा शकुन्तला को संबोधित इन कविताओं को. अनुवाद कुमार सौरभ ने किया है- प्रभात …
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