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Tag Archives: ashok kumar pandey

झूठ की दुनिया में सत्य को आत्मसात करने के लिए यह किताब पढ़ें

अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ जब से प्रकाशित हुई है ऐसा लगता है जैसे सोशल मीडिया पर भूचाल आ गया हो। बहुत दिनों बाद किसी किताब का ऐसा स्वागत होते देखा है। यह पुस्तक बताती है कि हिंदी का नया पाठक अपने इतिहास के प्रसंगों …

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ज़रूरी सवालों और संकटों को संबोधित करती कहानियां:संजीव कुमार

अशोक कुमार पांडेय को लेखक के रूप में मैं उनकी इस कहानी के लिए भी याद रखता हूँ, ‘इस देश में मिलिट्री शासन लगा देना चाहिए’, अपने कथ्य में ही नहीं अपनी कला में भी यह कहानी अपने कथ्य में ही नहीं अपनी कला में भी यह कहानी बहुत अच्छी …

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कश्मीरनामा : इतिहास और समकाल के दूसरे संस्करण का लोकार्पण

अशोक कुमार पाण्डेय की पुस्तक ‘कश्मीरनामा’ ने यह बता दिया है कि अच्छी शोधपूर्ण पुस्तकों के न पाठक कम हुए हैं न बाजार. राजपाल एंड संज से प्रकाशित 650 रुपये की इस पुस्तक के दूसरे संस्करण के लांच के मौके पर 25 अक्टूबर को इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में अच्छी परिचर्चा …

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हिन्दी कविता के दो दशक– चेहरे, मुखौटे और चश्मे

समकालीन कविता क्या अपने समय-समाज का रूपक है? क्या समकालीन कवि आधुनिक हिंदी कविता की छायाओं से मुक्त हो चुका है? क्या देश की बदलती राजनीति को समकालीन कविता के माध्यम से समझा जा सकता है? अशोक कुमार पांडे का यह लेख कुछ ऐसे ही विचारोत्तेजक सवालों को उठाता है- …

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अशोक कुमार पांडे की कहानी ‘जंगल’

अशोक कुमार पांडे संवेदनशील कवि ही नहीं हैं एक सजग कथाकार भी हैं. उनकी इस कहानी में हाशिए के लोगों का जीवन है, उसकी तकलीफ है- जानकी पुल  झिर्रियों से आ रही हवा किसी धारदार हथियार की तरह जख़्मी कर रही थी। गोमती ने साड़ी का पल्लू चेहरे पर लपेट …

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