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Tag Archives: avinash das

मेरी कवयित्री चाची ‘शैलप्रिया’ – अविनाश

कवयित्री शैलप्रिया जी को याद करते हुए यह संस्मरण लिखा है अविनाश दास ने। वे जाने माने फ़िल्म निर्देशक हैं, लेकिन उससे पहले बहुत अच्छे कवि और गद्यकार हैं। आइए शैलप्रिया जी को याद करते हैं- ======================================= 91-92 की बात है। मैं स्कूल के अपने अंतिम सालों में था। मोरहाबादी …

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‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के निर्देशक के नाम शाजापुर के एक दर्शक का पत्र

अविनाश दास द्वारा लिखित-निर्देशित फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ को जिस तरह से दर्शकों का प्यार मिला है वह असाधारण है. यह पत्र शाजापुर के एक दर्शक ने निर्देशक के नाम भेजा है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर =================================================== (एक प्रशंसक ने अविनाश दास को भेजा एक पत्र, जो किसी बड़े-से-बड़े निर्माता …

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‘अनारकली’ के किरदार से मुझे रानी बेगम की याद आती है!

‘अनारकली ऑफ़ आरा’ में अनारकली को देखते हुए मुझे बार-बार अपने मुजफ्फरपुर की रानी बेगम की याद आती है. रानी चतुर्भुज स्थान के आखिरी दौर की सबसे बड़ी डांसर थी, जिसका सट्टा बंधवाना एक जमाने में मुज़फ्फापुर और आसपास के जिले के जमींदारों के लिए बड़ी बात समझी जाती है. …

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तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा उर्फ अनारकली ऑफ आरा

आज मंगल है, बुध, बिफ्फे और बस शुक्कर को अनारकली ऑफ़ आरा रिलीज हो रही है. अविनाश दास की इस फिलिम का सबकी तरह हमें भी बहुत इन्तजार है. इस इंतजारी में फिलहाल युवा लेखक नवनीत नीरव का यह लेख पढ़िए. फिलिम पर नहीं है लेकिन बढ़िया माहौल बनाये हैं- …

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थोड़ा पैसा आ जाने दो फ्रेम नया हम मढ़ लेंगे

अविनाश की पहली पहचान कवि के रूप में ही रही है. वे प्रयोगधर्मी हैं. हमेशा कुछ नया-नया करते रहते हैं. इधर उन्होंने छंदों में कुछ गीतनुमा-ग़ज़ल नुमा लिखा है. इनको पढ़कर मैं मुग्ध होता जा रहा हूँ. पारंपरिक छंदों की गजब की रवानी है इनमें. इनकी कुछ रचनाएँ आज साझा …

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जीवकांत जी की कविताओं में छंद नहीं था, मिट्टी की लय थी

मैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि, कथाकार, आलोचक जीवकांत जी का निधन हो गया. सहज भाषा के इस महान लेखक को अविनाश दास ने बहुत आत्मीयता के साथ याद किया है अपने इस जीवन से भरे लेख में. उनके लेख के साथ जीवकांत जी की स्मृति को प्रणाम- मॉडरेटर. ============== पिछले …

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विचार ज़िंदगी की उधेड़बुन में फूटते हैं

अविनाश आज mohallalive.com के मशहूर मॉडरेटर के रूप में जाने जाते हैं, निर्भीक, संवेदनशील और अपने सरोकारों को लेकर सजग. हम भूल गए हैं कि इक दौर था जब वे युवा कविता की बेहतर संभावनाओं के रूप में देखे-जाने जाते थे. यह मैं नहीं कह रहा हूँ. उन दिनों मैं …

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