कल मेरे प्रिय कवि बोधिसत्व का जन्मदिन है. बोधिसत्व की कविताओं में वह दिखाई देता है, सुनाई देता है जो अक्सर दृश्य से ओझल लगता है. गहरी राजनीतिक समझ वाले इस कवि की कविताओं वह कविताई भी भरपूर है जिसे रघुवीर सहाय सांसों की लय कहते थे. उनकी नई कविताएँ …
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