मराठी कवि दिलीप चित्रे की अनेक कवितायें साभ्यतिक स्तर पर विमर्श करती प्रतीत होती हैं।उनकी आधुनिकता में परंपरा बोलती है। उनकी यह कविता उसका अच्छा उदाहरण है। उनकी जटिल बिंबों वाली कविताओं का अनुवाद आसान नहीं। लेकिन युवा कवि तुषार धवल ने बड़ी सहजता से उनकी कविताओं का अनुवाद किया …
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