युवा लेखक दुष्यंत समकालीन जीवन सन्दर्भों को अपने कहानियों में लिखते रहे हैं. ‘वाया गुड़गाँव’ उनका पहला उपन्यास है, जो जगरनॉट के ऐप पर आया है. इसी उपन्यास को लेकर ‘जानकी पुल’ की उनसे बातचीत- मॉडरेटर ============================================ ‘वाया गुड़गांव’ ही क्यों? एक लाइन में बताइये ! हमारे जीवन में सब …
Read More »गेब्रियला गुतीरेज वाय मुज की कविताएं दुष्यंत के अनुवाद
26 नवंबर यानी आज के दिन 1959 में जन्मीं चर्चित समकालीन स्पेनिश कवयित्री गेब्रियला गुतीरेज वायमुज ने स्पेनिश में पीएच. डी. की है। वे सिएटल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और वाशिंग्टन स्टेट आर्ट कमीशन की कमिश्नर हैं। ‘ऐ मोस्ट इम्प्रोबेबल लाइफ’ नामक कविता संग्रह ने उन्हें लोकप्रिय और आलोचकों का चहेता …
Read More »दुष्यंत की नई कहानी ‘प्रिंसिपल की डायरी’
दुष्यंत मूलतः कथाकार हैं. उनके कहानी संग्रह ‘जुलाई की एक रात’ से हम सब परिचित है. 2013 में पेंगुइन ने प्रकाशित किया था. पत्रकारिता, सिनेमा, घुमक्कड़ी की व्यस्तताओं के बीच उनकी यह नई कहानी है जो लोकमत समाचार के साहित्य वार्षिकी ‘दीप भव’ में प्रकाशित हुई है. आपके लिए- मॉडरेटर. …
Read More »दुष्यंत की कहानी ‘उलटी वाकी धार’
हाल में ही युवा लेखक दुष्यंत का कहानी संग्रह पेंगुइन से आया है ‘जुलाई की एक रात’. समकालीन जीवन के स्नैप शॉट्स की तरह कहानियां लिखने वाले इस प्रतिभाशाली लेखक की एक कहानी उसी संग्रह से- मॉडरेटर. ======== दिन के दो बजकर दस मिनट, लंच खत्म होने के तुरंत बाद का …
Read More »हवाओं को मनाता हूं परिंदे रूठ जाते हैं
आज दुष्यंत की कुछ गज़लें-कुछ शेर. जीना, खोना-पाना- उनके शेरों में इनके बिम्ब अक्सर आते हैं. शायद दुष्यंत कुमार की तरह वे भी मानते हैं- ‘मैं जिसे ओढता-बिछाता हूँ/ वो गज़ल आपको सुनाता हूँ. 1 ”मेरे खयालो! जहां भी जाओ। मुझे न भूलो, जहां भी जाओ। थके पिता का उदास …
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