मनोज कुमार झा को भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन उनकी कविताओं की मात्र यही पहचान नहीं है. उनकी कविताओं में एक अन्तर्निहित विषाद है, बासी पड़ती जाती संवेदनाओं की स्मृतियाँ हैं. वे राग के नहीं विराग के कवि हैं. मिथिला की मिटटी और भाषा की छौंक वाले इस …
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