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Tag Archives: mridula garg

‘चित्तकोबरा’ की काव्यात्मक समीक्षा

​ वरिष्ठ लेखिका मृदुला गर्ग के प्रसिद्ध उपन्यास ‘चित्तकोबरा’ को पढ़कर कवि यतीश कुमार ने काव्यात्मक टिप्पणी की है। आप भी पढ़िए- ============================= 1. कमाल की कविता है स्मृति जिसकी परिधि में गुलाब के बचे ओस कण और पराग भी हैं जिसने बचाए रखा तन में मन और आत्मा में …

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यह इरादतन हत्या जैसा है

दिल्ली की सामूहिक बलात्कार की घटना पर आज वरिष्ठ लेखिका मृदुला गर्ग का यह लेख- जानकी पुल. ==========================================================  हमारे समाज में महिलाओं के साथ इस तरह के जघन्य अपराधों की एक परंपरा रही है. ये अलग बात है कि पहले पीड़ित और उनके परिजन शिकायत दर्ज कराने से डरते थे. …

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