आर. अनुराधा की जिजीविषा, उनके जीवन संघर्ष को बड़ी आत्मीयता के साथ याद किया है प्रियदर्शन ने. आज ‘जनसत्ता’ में आया है. साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ==================================== बिखर गया वह इंद्रधनुष वे 18 साल से मृत्यु की छाया से जूझ रही थीं। या कहना चाहिए, मृत्यु की छाया उनसे 18 …
Read More »महादेवी वर्मा के शब्द और चित्र
महादेवी वर्मा की काव्य-पुस्तक ‘दीपशिखा’ १९४२ में छपी थी. उसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसकी कविताएँ महादेवी जी की हस्तलिपि में है और हर पृष्ठ, हर कविता के साथ उनके बनाए रेखाचित्र हैं. उसके कुछ पृष्ठ हमें कवयित्री आर. अनुराधा ने भेजे हैं अपनी एक संक्षिप्त भूमिका के साथ. आपके …
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