रोहिणी अग्रवाल हमारे समय की एक सजग और गंभीर आलोचक हैं. अभी हाल में ही उन्होंने राजकमल प्रकाशन की ‘प्रतिनिधि कहानियां’ सीरीज में उषा प्रियंवदा की कहानियों का संचयन तैयार किया है. एक जमाने में नामवर सिंह ने नई और पुरानी कहानियों के अंतर को स्पष्ट करने के लिए उषा प्रियंवदा …
Read More »एक कस्बे के नोट्स: स्मृतियों का कोलाज
अभी दो दिन पहले लेखिका नीलेश रघुवंशी को शैलप्रिया स्मृति सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है. 2012 में उनका उपन्यास प्रकाशित हुआ था ‘एक कस्बे के नोट्स’. प्रसिद्ध आलोचक रोहिणी अग्रवाल ने उस उपन्यास पर बहुत अच्छा लेख लिखा है. आप भी पढ़िए और उनको बधाई दीजिए- मॉडरेटर. ========================================================== रोमान …
Read More »‘अरे! तुम! उमराव जान अदा !’
रोहिणी अग्रवाल एक सजग आलोचक और संवेदनशील कथाकार हैं. उनके इस लेख में उनके लेखन के दोनों रूप मुखर हैं. आप भी पढ़िए- जानकी पुल. ================================= हर चैनल पर आनंद से उमगते मनचलों की भीड़ है जो डांस क्लबों में बार डांसर्स के दोबारा लौट आने की खबर से बाग–बाग …
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