युगान्तकारी लेखक जयशंकर प्रसाद और उनके युग को आधार बनाकर श्यामबिहारी श्यामल ने उपन्यास लिखा है, जिसमें बनारस का वह युग जीवंत रूप से उपस्थित दिखाई देता है जब वहां प्रसाद थे, रामचंद्र शुक्ल थे, आचार्य केशव प्रसाद मिश्र थे, प्रेमचंद थे और बनारसी बतकही की मस्ती थी. प्रस्तुत है …
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