पिछले एक महीने से एक किताब की बड़ी चर्चा है ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’. लेखिका नीलिमा चौहान की यह किताब एक मुश्किल किताब है. मुश्किल इस अर्थ में कि इसका पाठ किस तरह से किया जाए कि कुपाठ न हो जाए. एक मुश्किल विषय पर एक साहसिक किताब है. आज …
Read More »तू परिधि से नहीं परिधि तुझसे है
हाल में ही युवा कवयित्री सुधा उपाध्याय का कविता संग्रह राधाकृष्ण प्रकाशन से आया है- ‘इसलिए कहूँगी मैं‘. उसी संग्रह से कुछ चुनी हुई कविताएँ- मॉडरेटर.============================== मैं हूं, मैं हूं, …
Read More »सृजनात्मकताएं मृत्यु का प्रतिकार हैं
पिछले 1 जनवरी को उदयप्रकाश 60 साल के हो गए. मुझे बहुत आश्चर्य है कि उनकी षष्ठिपूर्ति को लेकर किसी तरह की सुगबुगाहट हिंदी में नहीं हुई. जबकि एक लेखक के रूप में उनकी व्याप्ति, उनकी लोकप्रियता अपने आप में एक मिसाल है. हम युवा लेखकों के लिए प्रेरणा का …
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