प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन की कुछ नयी कविताओं का बंगला से हिन्दी अनुवाद प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव ने किया है। आप भी पढ़ सकते हैं- =========================== 1.मैं हूँ अनश्वर बुरका न पहनने पर त्रिपोली में जिस लड़की को सरे- राह मारा गया- वह मैं हूँ जर्सी पहन फ़ुटबाल खेलने पर ढाका …
Read More »जा तू पड़ जा प्रेम में
तस्लीमा नसरीन मूलतः कवयित्री हैं. कल जब उनकी कविताओं का प्रयाग शुक्ल पाठ कर रहे थे तब बीच-बीच में वे भी यही कह रहे थे, अशोक वाजपेयी ने भी उनकी कविताओं पर बहुत प्रशंसात्मक ढंग से बोला. उनकी कविताओं का संग्रह ‘मुझे देना और प्रेम’ पढते हुए भी लगा कि …
Read More »मुझे दो मेरी ही उम्र का एक दुःख
आज दोपहर २.३० बजे इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में तस्लीमा नसरीन की सौ कविताओं के संचयन ‘मुझे देना और प्रेम’ का लोकार्पण है. वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक की कविताओं का अनुवाद किया है हिंदी के प्रसिद्ध कवि प्रयाग शुक्ल ने. उसी संचयन से दो कविताएँ- जानकी पुल. ————————————————- तुम्हें दुःख देना …
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