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Tag Archives: upasana jha

पराग मांदले की कहानी ‘चाह की गति न्यारी’ उपसना झा की टिप्पणी के साथ

‘नया ज्ञानोदय’ के अगस्त अंक में प्रकाशित पराग मांदले की कहानी ‘चाह की गति न्यारी’ पढ़िए युवा कवयित्री-लेखिका उपासना झा की टिप्पणी के साथ- मॉडरेटर =============================== नया ज्ञानोदय के अगस्त अंक में छपी पराग मांदले की कहानी ‘चाह की गति न्यारी’ मनुष्य के मन की परतों को खोलती हुई एक अच्छी …

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नीरज हिंदी में प्रेम की पीड़ा के सबसे मौलिक कवि थे

नीरज जी को श्रद्धांजलिस्वरूप यह लेख लिखा है युवा कवयित्री उपासना झा ने- मॉडरेटर ===================================================== श्री गोपालदास नीरज हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में एक थे. कविता, प्रेमगीत, दोहों, मुक्तक, गजल सब विधा में उन्होंने खूब लिखा. काव्य-समारोहों में उनकी अपार लोकप्रियता ने उन्हें अपने समय के सबसे ज्यादा पढ़े …

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उपासना झा की कहानी ‘सारा आकाश’

इधर युवा लेखिका उपासना झा की रचनाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया है. विषय, भाषा, संतुलन, भाषा का संयम. उनकी रचनाओं को पढ़ते हुए यह लगता ही नहीं है कि किसी युवा लेखक को पढ़ रहे हों. जैसे यह कहानी- मॉडरेटर  ============ रात भर तेज़ बारिश हुई थी। आँगन में, …

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‘ब्रह्मभोज’ पर उपासना झा की टिप्पणी

सच्चिदानंद सिंह के कहानी संग्रह ‘ब्रह्मभोज’ पर युवा लेखिका उपासना झा की टिप्पणी पढ़िए- मॉडरेटर ================================================ हिंदी-साहित्य में लगातार बिना शोर-शराबे और सनसनी के भी लेखन होता रहा है। सच्चिदानद सिंह का पहला कहानी संग्रह ‘ब्रह्मभोज’ इसी कड़ी में रखा जा सकता है। जीवन के अनुभवों और लेखकीय निरपेक्षता को समेटे …

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उपासना झा की कुछ नई नई कविताएँ

कविताओं में संवेदनशीलता जितनी अधिक होती है शब्दों का सौन्दर्य उतना ही बढ़ जाता है. उपासना झा की कविताओं में बहुत गहरी तल्लीनता है जो अपने साथ पढने वाले को लिए जाती है और उदास एकांत में छोड़ जाती है. इस बार उनकी कविताओं का स्वर अलग है लेकिन वही …

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प्रेम में डूबी सब स्त्रियाँ महुआ घटवारिन क्यों हो जाती हैं?

फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी पर बनी फिल्म ‘तीसरी कसम’ के ऊपर बहुत अच्छा लेख लिखा है युवा लेखिका उपासना झा ने- मॉडरेटर ============ मीता! पहली कसम याद है न तुमको। कोई चोरी-चकारी का माल नहीं ले जाना था क्योंकि तुम जानते थे कि ‘ये महल, चौबारे यही रह जाएंगे सारे’। …

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उपासना झा की कहानी ‘अब जब भी आओगे’

पिछले कुछ समय में उपासना झा की कविताओं, कहानियों ने हिंदी के पाठकों, लेखकों, आलोचकों सभी को समान रूप से आकर्षित किया है. आज उनकी एक छोटी सी कहानी- मॉडरेटर =================================== लड़की चुपचाप डूबते सूरज की ओर मुंह किये बैठी थी। उसकी नाक की नोक लाल हो गयी थी। ठंड …

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हृदय दुनिया की सबसे कठोर वस्तु भी हो सकता है

यूँ तो हिंदी में ‘बनारस’ पर कई कविताएँ लिखी जा चुकी हैं। फिर भी, हर नया कवि उस शहर की ओर आकर्षित होता है। हर एक आँख उस शहर को अपनी नज़र से देखती है। हर एक दिल उस शहर को अलग तरह से महसूस करता है। अपना अनुभव बयान …

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उपासना झा की कहानी ‘महुआ घटवारिन’

उपासना झा ने हाल के दिनों में कविता, अनुवाद जैसे क्षेत्रों में अपनी जबर्दस्त रचनात्मक पहचान दर्ज करवाई है. आज उनकी नई कहानी ‘महुआ घटवारिन’- मॉडरेटर  ====================================== दूरी रे गबनमा से ऐलनी सुंदर दूल्हा,ऐलनी सुन्दर दूल्हा…द्वार पीछे भय गेलनि ठार रे गबनमा… ये गीत उसने अभी अपनी सहेली के ब्याह …

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पंकज दुबे की अंग्रेजी कहानी उपासना झा का हिंदी अनुवाद- एक आधा इश्क

पंकज दुबे न्यू एज लेखक हैं, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखते हैं. वे संभवतः अकेले लेखक हैं जो स्वयं अंग्रेजी-हिंदी में एक साथ उपन्यास लिखते हैं. अब तक दो उपन्यास प्रकाशित हैं- लूजर कहीं का और इश्कियापा. समकालीन लोकप्रिय लेखकों में उनकी कामयाब पहचान है. हाल में ही …

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