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वर्तिका नंदा की कुछ नई कविताएँ

वर्तिका नंदा की कविताओं में स्त्री के रोजमर्रा के जीवन का एक नया अर्थ मुखरित होता है. कवितायेँ उनके लिए दैनंदिन को अर्थ देने की तरह है. आज उनकी कुछ नई कविताएँ, कुछ नए मुहावरों में- जानकी पुल ================ शर्मोहया  आंखों का पानी पठारों की नमी को बचाए रखता है …

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वर्तिका नंदा की कुछ नई कविताएँ

वर्तिका नंदा की कविताएँ मुखर बयान की तरह लगती हैं. उनका अपना मुहावरा है और कई बार उनके काव्य-विषय भी काफी अलग होते हैं. आज उनकी कुछ नई कविताएँ- जानकी पुल. =========================================================== निर्भया औरत होना मुश्किल है या चुप रहना जीना या किसी तरह बस, जी लेना शब्दों के टीलों …

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थी. हूं..रहूंगी

वर्तिका नंदा का नाम किसी परिचय की आवश्यकता नहीं रखता. पत्रकार के रूप में उनका नाम जाना-पहचाना है. लेकिन एक संवेदनशील कवयित्री के रूप में उनको लोग कम जानते हैं. अभी हाल में ही महिला अपराध पर केंद्रित उनकी कविताओं का संकलन आया ‘थी. हूं..रहूंगी…’. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस …

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उन दिनों बेखौफ चलने की आदत थी

आज वर्तिका नंदा की कविताएँ. वर्तिका नंदा हिंदी टेलीविजन पत्रकारिता का जाना-माना नाम है, लेकिन वह एक संवेदनशील कवयित्री भी हैं. स्त्री-मन उनकी कविताओं में कभी सवाल की तरह प्रकट होता है, कभी उनमें अनुभव के बीहड़ प्रकट होते हैं. उनका अपना मुहावरा है, अपनी आवाज़- जानकी पुल.  कुछ जिंदगियां …

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