यह कवि नागार्जुन की जन्मशताब्दी का साल है. इससे याद आया कि उन्होंने विद्यापति के गीतों का हिंदी में अनुवाद किया था. आज प्रस्तुत है विद्यापति के मूल पदों के साथ बाबा नागार्जुन के अनुवाद- जानकी पुल. १. सखि हे, कि पुछसि अनुभव मोय. सेह पिरिति अनुराग बखानिय तिल-तिल नूतन …
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