विजय मोहन सिंह नहीं रहे. यह सुनते ही सबसे पहले मन हिन्दू कॉलेज होस्टल के दिनों में वापस चला गया. मेरा दोस्त आनंद विजय उनका नाम लेता था, कहता था बड़े लेखक हैं. उसके पिता के साथ उन्होंने कभी महाराजा कॉलेज, आरा में अध्यापन किया था. विजय मोहन जी को …
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