युवा लेखक त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने नीलेश मिश्रा के ‘याद शहर’ की एक अच्छी समीक्षा लिखी है. आप भी पढ़िए शायद अच्छी लगे- जानकी पुल. ========================= मशहूर विचारक ‘बेकन’ का कथन है, “कुछ किताबें चखने के लिए होती हैं, कुछ निगल जाने के लिए। और कुछ थोड़ी-सी चबाने और पचाने …
Read More »नीलेश मिश्रा का ‘याद शहर’ और ‘क़िस्सा-ए-फ़ेसबुक’
Yaad Sheher with Neelesh Misra … यह हिंदुस्तान के हिंदी भाषी युवा लोगों का पसंदीदा रेडियो शो है। यह शो हिन्दुस्तान के लाखों-करोड़ों विस्थापितों की यादों का शहर है, वह शहर जहां से एक दिन वे झोला उठाकर निकल पड़े थे. उसकी छोटी-छोटी बातें, छोटी-छोटी यादें बहुत खूबसूरती से सुनाते हैं …
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