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स्वाति अर्जुन की कविताएं

स्वाति अर्जुन कवितायें कम लिखती हैं, लेकिन एक निश्चित सोच के साथ लिखती हैं। कविता महज शब्दों की सज्जा नहीं होती वह अपने जीवन को, अपने परिवेश को समझने का एक जरिया भी तो है। फिलहाल उनकी कुछ चुनी हुई कविताएं- जानकी पुल
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1.
कवि का प्रेम

कवि कवि होता है, मनुष्य नहीं
ठीक वैसे ही,
जैसे,
सिमोन ने कहा था,
पुरुष और स्त्री,
दो अलग,
वजूद हैं,
एक नहीं.
कवि की कविताओं में,
हर रोज़
जन्म लेती है,
एक नायिका,
एक प्रेयसी,
और,
एक खलनायिका.
कवि अपनी रचनात्मकता,
की उड़ान भरने के लिए,
कभी
प्रेम करता है,
कभी
समर्पित होता है,
और कभी
करता है हत्या,
ख़लनायिका की
ख़लनायिका
जो थी कभी
नायिका
कभी प्रेयसी,
क्योंकि
कवि की पहचान,
उसकी कविता से होती है,
मनुष्यता से नहीं.
2.
बादल

बादल मेरे घर के बाहर दुकान लगाए खड़े हैं
बेच रहे हैं बारिश,
नाना प्रकार के !
देखती हूं उन्हें,
चोर नज़रों से
फिर लौट आती हूं,
रेगिस्तानी सूखे में.

बादल नहीं मानते…
घुस आते हैं
जबरन
घर के अहाते में,
झटांस, बौछार और रिमझिम फुआरों से,
करते हैं मुझसे जोरा-जोरी,
चटाक से खुल जाती है,
सांकल मेरी,
बादल है अब,
मेरी,
क़ैद में.
3.
द्वंद

कितना द्वंद है आज के प्रेम में,
हर कोई चाहता शत-प्रतिशत प्रेम
जबकि सच्चाई यह है कि,
शत-प्रतिशत कोई नहीं होता,
ना हमारा,
ना हमारे प्रेम का.
ये द्वंद भी ऐसा,
जिसमें भाव तो है,
समपर्ण नहीं
शत प्रतिशत.
4.
माँ
जो कभी मेरी नहीं हुई
हमेशा
बनी रही,
सिर्फ माँ
हमारे रिश्ते में
समाज था,
परिवार था,
इज्ज़त और सम्मान
को भी मिली थी,
एक माकूल जगह,
नहीं थी जगह,
तो उस भाव की,
जिसमें हम हो पाते,
सिर्फ दो स्त्री.
रिश्तों के इस
ताने-बाने ने,
दो स्त्रियों को बना दिया,
माँ और बेटी
और एक-बार,
फिर, हार गई
स्त्री
एक अन्य
स्त्री के हाथों.
5.
लग जा गले

बहुत थक जाती हूँ जब मैं,
तब कहती हूँ तुम्हें
पास आने को.
तुम्हें कहने
पास बुलाने
और
समय निकालने में
नहीं होता कोई विशेष आग्रह.

बड़े ही औपचारिक तरीके से
कहती हूँ तुम्हें
मेरे पास आने को.

इस उम्मीद में कि
समझोगे तुम मेरे,
मौन आग्रह
और
वाचाल परिपक्वता को

लेकिन, ऐसा होता नहीं
 
      

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14 comments

  1. kabita bahut hi saral aur sunder hei, badhai deta hun

  2. अच्छी कविताएँ

  3. डफली, देवेंद्र पांडेय, राजीव आनंद- आप सभी का शुक्रिया. स्वाति.

  4. Bhavnayon ko khubsurat andaz main vyakta kiya hai Swati Arjun nay, sadhubad—-Rajiv Anand

  5. अच्छी लगीं सभीं कविताएँ।

  6. इस अकेलेपन की

    चादर ओड़कर

    लगाती हूँ गले,

    मैं खुद को,

  7. At this moment I am going to do my breakfast, after having my breakfast coming again to read further news.

  8. ¿Cómo sé con quién está chateando mi esposo o esposa en WhatsApp? Entonces ya estás buscando la mejor solución. Escuchar a escondidas en un teléfono es mucho más fácil de lo que cree. Lo primero que debe instalar una aplicación espía en su teléfono es obtener el teléfono objetivo.

  9. Si está pensando en usar una aplicación para espiar teléfonos celulares, entonces ha tomado la decisión correcta.

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