Home / ब्लॉग / वी एस नायपाल के उपन्यास ‘गुरिल्लाज’ का पाठ

वी एस नायपाल के उपन्यास ‘गुरिल्लाज’ का पाठ

हाल में वी.एस. नायपॉल के कई उपन्यासों के हिंदी अनुवाद पेंगुइन से छपकर आये, जिनमें उनका एक महत्वपूर्ण उपन्यास ‘गुरिल्लाज’ भी है. आज इस उपन्यास पर लेखिका सरिता शर्मा ने लिखा है. एक पढने लायक लेख- जानकी पुल.
========================
 
    सर विद्याधर सूरज प्रसाद नायपाल रवींद्र नाथ टैगोर के बाद भारतीय मूल के दूसरे ऐसे लेखक हैं जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है. उन्हें जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार, दी सोमरसेट मोम अवार्ड, दी होवथोरडन पुरस्कार, दी डब्ल्यू एच स्मिथ लिट्रेरी अवार्ड, दी बुकर पुरस्कार  तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार और ब्रिटिश साहित्य में जीवन पर्यंत कार्य के लिए पुरस्कार जैसे अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. दी टाईम्स ने उन्हें 50 महान ब्रिटिश साहित्यकारों  की सूचि में सातवां स्थान दिया है. उनकी कुछ उल्‍लेखनीय कृतियां हैं- ए हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास, इन ए फ्री स्‍टेट, ए वे इन द वर्ल्‍ड, हाफ ए लाइफ, मैजिक सीड्स. वी एस नायपाल अंग्रेजी में अपने अनूठे गद्य के लिए विख्यात हैं. एवलिन वॉ ने सही कहा है- नायपॉल कलाकार की आंख और कान के साथ यात्रा करते हैं.वी एस नायपाल के उपन्यास गुरिल्लाजका उमा पाठक ने हिंदी में अनुवाद किया है.   उपन्यास की पृष्ठभूमि प्रशांत कैरिबियाई द्वीप की है जो नायपॉल के जन्मस्थल त्रिनिदाद से प्रेरित है.  द्वीप का नाम थ्रशक्रॉस ग्रेंज एमिली ब्रोंटे के उपन्यास वुदरिंग हाइट्समें वर्णित स्थल से लिया गया है. किताब में कुछ घटनायें  त्रिनिदाद के क्रांतिकारी माइकल एक्स के जीवन पर आधारित हैं. नायपॉल ने अपनी निबंधों की पुस्तक रिटर्न ऑफ़ इवा पेरोन एंड किलिंग्स इन त्रिनिदादमें माइकल एक्स के बारे में लिखा है. इस उपन्यास में मानव निर्बलताओं, दुष्कर्म  और नैतिक रूप से टूटने  के चित्रण किया गया है.  
   
      कहानी की शुरूआत जेम्स अहमद की उक्ति से होती है- जब सब लड़ना चाहते हैं तब लड़ने को कुछ नहीं होता. हर कोई अपनी छोटी लड़ाई लड़ना चाहता है, हर कोई गुरिल्ला है.दक्षिण अफ्रीका से प्रतिरोध सेनानी पीटर रोश और लंदन से उसकी प्रेमिका जेन हाल ही में द्वीप पर पहुंचे हैं. द्वीप पर एशियाई, अमेरिकी, अफ्रीकी और पहले के ब्रिटिश उपनिवेशवादी साथ-साथ रहते हैं. रोश द्वीप पर गरीबों की मदद करता है जिससे वह जिमी नामक बेईमान और अवसरवादी क्रांतिकारी के संपर्क में आता है. जेन पीटर रोश से प्रभावित है – ‘लंदन में उसे रोश असाधारण व्यक्ति लगा था. उसे वह कर्मठ लगा था.मगर जेन की खुद की मनःस्थिति डांवाडोल है. कमजोर होने की वजह से वह इधर उधर बहती रहती थी, उसका असंतोष अस्पष्ट था, कभी उसका कारण दुनिया होती थी तो कभी आदमी.जल्दी ही उसे पीटर रोश की अकर्मण्यता से निराशा होने लगी और उसे चुनना अपनी भूल लगने लगी. पीटर रोश गरीबों की हर तरह से मदद करना चाहता है, मगर अश्वेत होने की वजह से उसकी उपेक्षा की जाती है. पीटर जेन की नजरों में खुद को विफल और असमर्थ पाता है जिससे वह महत्वपूर्ण मामलों में अनुमोदन चाहता है.जिमी अहमद मुलट्टी यानी आधा चीनी और आधा अश्वेत है जो कैरेबियन आने से पहले रहस्यमय अंग्रेज महिला से शादी करके विंबलडन के पास लंदन में रहता था. वह द्वीप में जाने के बाद जमीन के लिए क्रांतिका  नेता बन जाता है उसके अधिकार के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष करता है. जिमी एक क्रांतिकारी के भेष में खतरनाक अपराधी है. उसके कम्यून में रहने वाले कई अश्वेत लड़कों के साथ समलैंगिक संबंध है जिनमें से एक लड़का ब्रायंट है.
 
      धीरे- धीरे जेन पीटर और पूरी स्थिति से ऊब कर जिमी के साथ संबंध स्थापित करने का फैसला लेती है जिसका कारण प्यार नहीं बल्कि है. जेन पीटर के साथ रिश्ता खत्म हो जाने की वजह से उस घिनौने  द्वीप से दूर लंदन लौट जाने का फ़ैसला करती है. वह अलविदा कहने के लिए अंतिम बार जिमी से मिलने जाती है जिसके लिए उसके मन में इच्छा और फंतासी है. जेन जिम्मी के असली चरित्र से अनभिज्ञ है और उसके  शिष्टाचार और शहरी आकर्षण से सम्मोहित है. जिमी उसके साथ अप्राकृत संबंध स्थापित करने के बाद उसे ब्रायंट के पास ले जाता है जो  जेन के टुकड़े टुकड़े करके उसे बेरहमी से मार डालता है. इस बीच, पीटर जेन की हत्या के बारे में पता करने के लिए  आता है और यह जान लेता है कि जिमी और उसके नौकरों ने जेन को मार डाला होगा. वह परेशान है लेकिन जेन की हत्या को नजरअंदाज कर देता है क्योंकि अगर वह इस बात को मान लेगा, तो यह उसके लिए शर्म की बात होगी. जेन द्वारा अस्वीकृत कर दिये जाने पर उसे वैसे भी उससे छुटकारा पाना था. अपने अहंकार, विफलता के अहसास और  द्वीप के लोगों द्वारा अस्वीकृत कर दिये  जाने से वह पहले ही बहुत दुखी था. उसने सोचा जेन जिन्दा रहती तो उसकी बेवफाई से उसके आत्म सम्मान को चोट पहुँचती. उपन्यास के अंत में वह जेन की हत्या से संतुष्ट है क्योंकि अब वह चैन से जी सकता है.
 
    ‘गुरिल्लाज़में जगह और लोगों का चित्रण इतनी गहराई से चित्रण किया गया है कि पाठक की स्मृति में दर्ज हो जाता है. थ्रशक्रॉस ग्रेंज का परिचय इस तरह दिया गया है –‘थ्रशक्रॉस ग्रेंज/ जनता की स्वायत्त सरकार/ जमीन और क्रांति के लिए/ पूर्वानुमति के बिना प्रवेश निषिद्ध/ आलाकमान के आदेशानुसार.एक पोस्टर में जिमी अहमद के चित्र के नीचे लिखा है: मैं किसी का नौकर या सांड नहीं हूं, मैं एक योद्धा और मशालवाहक हूं- हाजी जेम्स अहमद.इस वर्णन से पाठक को उसके खूंखार स्वाभाव का पूर्वाभास को जाता है. रोश को अहसास होता है कि जेन के विचार विरोधाभासी हैं और वह सत्ता संरचना में अपने स्थान के बारे में राजनीतिक रूप से अनुभवहीन है. उसके पास  याद्दाश्त नहीं थी. वह किसी से जुड़ाव या सामंजस्य नहीं रख सकती थी.जेन खुद को सौभाग्यशाली मानती है कि वह लंदन लौट सकती है और बार- बार इस बात को दोहराती है मगर उसका सपना कभी पूरा नहीं होता. रोश अपने बारे में सोचता है- मैंने अपना पूरा जीवन रेत पर बनाया है. मैंने खुद को फंदे में डाल दिया है.’  सबसे नकारात्मक पात्र ब्रायंट का भी उपन्यास में विस्तार से उल्लेख किया गया है. एक काला किशोर जिसने जींस और धारीदार जर्सी पहनी हुई थी, देखने में छोटा और जहरीला, उसका चेहरा विकृत, पसीने से भरे होने के कारण चमकीला, अपनी छोटी चोटियों से जानबूझकर बदसूरत दिख रहा था. चोटियां  सांप जैसी थी और आक्रामक दिख रही थी.जेन से एक डॉलर लेकर वह फॉर दि लव ऑफ़ इवीदेखता है जिसके नायक में उसे अपनी छवि नजर आती है-कोई भी, कभी भी उस आदमी को नहीं जान पाया जो ब्रायंट के शरीर में मर गया था; वह इस फिल्म में अपनी पूरी सच्चाई से दिखता था.लेखक की इस दमित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति है जिसे जेम्स ने गुलामों जैसा व्यवहार करके जानवर बना दिया था.
      वी एस नायपॉल का उपन्यास गुरिल्लाज़अपनी अनूठी कथावस्तु, दृष्टिकोण  की स्पष्टता, अद्भुत चित्रण और भाषा-शैली से अभिभूत और बेचैन करता है. उपन्यास में दुनिया की दशा के केंद्र में स्थित गहरी नैतिक जानकारी का चित्रण किया गया है. इसमें उपनिवेश के परिणामों पर विचार किया गया है. शुरू में ही गंभीर  विवरण से घुटनभरा माहौल रच दिया जाता है जो पूरी किताब में बना रहता है. समुद्र से दलदल की गंध आ रही थी; उसमें मुश्किल से लहरें उठ रही थी, रंग की जगह चमक थी. ऐसा लग रहा था जैसे बाक्साइट लदान स्टेशन से उठती बाक्साइट धूल की गुलाबी धुंध के नीचे गर्मी फंसी हुई थी.हिंदी अनुवाद में कुछ कमियां नजर आती हैं जिन्हें संपादन के समय सुधारा जा सकता था. कहीं- कहीं अस्पष्टता और गैप्स नजर आते हैं. उत्कृष्ट कृतियों के अनुवाद में सावधानी बरती जानी चाहिए. वी एस नायपॉल के लेखन के बारे में जॉन अपडाइक कहते हैं  –एक तोल्स्तोयियन अहसास. तथाकथित तीसरी दुनिया ने इनसे अधिक प्रतिभाशाली कोई और साहित्यिकार दुनिया को नहीं दिया है.
      
पुस्तक: गुरिल्लाज
लेखक: वी एस नायपॉल
अनुवाद : उमा पाठक
प्रकाशक: पेंगुइन बुक्स

 

 
      

About Prabhat Ranjan

Check Also

तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-10 अंतिम

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात …

12 comments

  1. गुरूदेव टैगोर ने भारत को विश्व के सम्मुख रखा, सर नायपॉल ने विश्व को भारत के सामने एक अलग फ्रेम में खिंचकर प्रस्तुत किया….

  2. गुरिल्लाज़ को पढना ऑंखें खोलने वाला अनुभव है. बहुत पहले जोसेफ कॉनरेड के उपन्यास 'हार्ट ऑफ़ डार्कनेस' और ' लार्ड जिम' पढ़े थे जो बहुत डिस्टर्बिंग थे. वी एस नायपॉल विश्व में चल रही हलचलों से भली भांति अवगत हैं. वह लोगों के स्वभाव और व्यवहार के साथ साथ जगहों का गहन चित्रण करते हैं. अलग -अलग देशों की पृष्ठभूमि पर लगातार एक से बढ़कर एक उपन्यास लिखने वाले नायपॉल अपने अनूठे गद्य और दुनिया की राजनैतिक -सामाजिक समझ से पाठकों को बांधे रखते हैं. गुरिल्लाज में मानसिक और जातीय हिंसा बेचैन करने वाली है. काश इसका हिंदी अनुवाद बेहतर होता.

  3. Suivre le téléphone portable – Application de suivi cachée qui enregistre l’emplacement, les SMS, l’audio des appels, WhatsApp, Facebook, photo, caméra, activité Internet. Idéal pour le contrôle parental et la surveillance des employés. Suivre le Téléphone Gratuitement – Logiciel de Surveillance en Ligne.

  4. Meilleure application de contrôle parental pour protéger vos enfants – Moniteur secrètement secret GPS, SMS, appels, WhatsApp, Facebook, localisation. Vous pouvez surveiller à distance les activités du téléphone mobile après le téléchargement et installer l’apk sur le téléphone cible.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *