साहित्य-कला उत्सवों के दौर में यह अपने तरह का पहला आयोजन है-कविता एवं कला महोत्सव, शिमला. लिटरेचर फेस्टिवल्स के दौर में बिना किसी प्रयोजन के यह आयोजन सहभागिता के आधार पर है. जून का महीना शिमला में पीक टूरिस्ट सीजन होता है, ऐसे में 13-14 जून को वहां रहने और शिमला के ऐतिहसिल गेटी थियेटर में प्रस्तुति का मौका प्रतिभागियों को दिया जायेगा. वह भी सिर्फ 2500 रुपये में. जाहिर है, यह आयोजन नो प्रॉफिट नो लॉस के तर्ज पर किया जा रहा है. यह सच में उत्सव है प्रायोजित महोत्सव नहीं.
इसके आयोजन साहित्य-कला प्रेमी अशोक गुप्त इससे पहले नवम्बर महीने में बीकानेर में एक सफल फेस्टिवल का आयोजन करा चुके हैं. यह उनका दूसरा आयोजन है. आयोजन एक तरह से अनौपचारिक होता है, जिसका उद्देश्य होता है कि लेखक-कलाकार एक स्थल पर जुटें बहस-मुबाहिसे करें, रचनाएँ सुनें-सुनाएँ. असल में आजकल लेखकों-कलाकारों में अनौपचारिक मेल-मिलाप के अवसर कम होते जा रहे हैं, ऐसे में इस तरह के आयोजनों की बड़ी आवश्यकता है. मेरे जानते अपने तरह का यह अकेला आयोजन है जिसमें एक तरह से सामूहिक नेतृत्व होता है, सामूहिक जिम्मेदारी होती है.
इसके लिए रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 15 मई रखी गई है. मैंने तो तय किया है कि न सिर्फ रजिस्ट्रेशन करवाना है बल्कि जाना भी है. एक दर्शक के रूप में इस ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनने. इससे पहले शिमला कई बार गया हूँ, गेटी थियेटर बाहर से देखा है, उसके बाहर तस्वीरें खिंचवाई हैं, उसके बारे में पढ़ा है. इस बार उसके भीतर अपने दौर के लेखकों-कवियों को एक साथ एक जगह पर देखने का यह दुर्लभ आयोजन होने जा रहा है. उसका साक्षी बनने जा रहा हूँ. आप भी मन बनाइये. रजिस्ट्रेशन करवाइए और शिमला के लिए वॉल्वो, ट्रेन की बुकिंग करवाइए. पीक सीजन में शिमला जाने वाली सारी गाड़ियाँ फुल रहती हैं. इसलिए पहले से तैयारी करने में ही समझदारी है.
जो लोग इस आयोजन के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं वे श्री अशोक गुप्त से संपर्क कर सकते हैं. उनका नंबर है- 09414136828.
तो मिलते हैं इस बार शिमला में तारीख़ है 13-14 जून.
प्रभात रंजन
शामिल होने की इच्छा है।