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बाल दिवस पर डॉ मधु पंत की कुछ कविताएँ

जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. यह समय उनको विशेष रूप से याद करने का है. मधु पन्त की कुछ कवितायेँ बच्चों के लिए- मॉडरेटर 
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एक ऐसे दौर में जब बाल कविताओं के नाम पर राजा, मुन्नी, परियों, बस्तों, छातों संबंधी कविताएँ लिखी जा रही हों, वहां डॉ मधु पंत जैसी बाल साहित्यकार शोर शराबे से दूर लगातार रचनात्मक लेखन कर रही हैं। वे बच्चों की नज़र को जादुई नज़रकहती हैं। उनका मानना है, यही नज़र बच्चों को सृजनात्मक बनाती है और इसे बचाए रखने की ज़िम्मेदारी जितनी माता-पिता की है उससे कहीं ज़्यादा बाल साहित्यकारों की है। इसीलिए समय समय पर वे बच्चों के लिए ‘सृजनात्मक लेखन’ कार्यशालाओं का आयोजन करती हैं। आज जानकीपुल पर प्रकाशित यह कविताएँ ऐसी ही कार्यशालाओं में बच्चों के साझा प्रयासों से रची गयी हैं। बच्चों की कल्पनाओं को कविता की शक़्ल देने की इस पहल का मैं ख़ुद कई मर्तबा साक्षी रहा हूँ।
आज इन कविताओं को आप अकेले मत पढ़ियेगा, अपने बच्चों को पास ज़रूर ज़रूर बिठाईयेगा। यक़ीन मानिये, बच्चों को ये कविताएँ जब आप सुना रहे होंगे तो उनकी आँखें आपको सचमुच जादुईनज़र आएँगी। मुझे उम्मीद है आप उनकी कल्पनालोक में ज़रूर घूम कर आएँगे और उनकी प्रश्नाकूलता को अपनी झिड़की से कभी मरने नहीं देंगे।
                                                                                                   ~ अंजुम शर्मा


जब सुई ने ढूँढा दूल्हा

सुई बोली चाकू से, करवा दो मेरी शादी
निपट अकेली रही आज तक, हुई सुख कर आधी

चाकू कैंची चले ढूँढने, सुई का वर दूल्हा
ऐसा घर मिल जाए सुई, कभी न फूंके चूल्हा

चाकू काँटा लेकर आया, कैंची लाई कपड़ा
काँटे कपडे के चक्कर में, शुरू हो गया झगड़ा

सुई बोली “मत झगड़ो तुम, मुझको भाया धागा”
धागे ने भी आगे आकर, हाथ सुई का मांगा

उलझ पड़े जब दाढ़ी-मूँछ

उलझ पड़े जब दाढ़ी-मूँछ, लगे हाँकने अपनी शेखी
शुरू कर दिए ताने कसने, एक दूजे को देखा देखी

बोली मूँछ “अरी ओ दाढ़ी, तूने सबकी शक्ल बिगाड़ी
जिसके भी मुख पर उग जाए, अच्छा खासा लगे अनाड़ी”

दाढ़ी बोली “चुप री मूँछ! तू लगती दो तरफी पूँछ
कभी छितरती झाड़ू जैसी, कभी अकड़ती जैसे मूँज”

 चेहरा बोला “मैं भर पाया, तुम दोनों का करूँ सफाया”
 दाढ़ी-मूँछ बड़े घबराए, लड़ना बुरा समझ यह आया

अनोखी यारी

चींटी बोली हाथी से, “तू कर ले मुझसे यारी
मुझसे कोई हल्का है, न तुझसे कोई भारी”

हाथी हँस कर बोला “चींटी! तू है कितनी छोटी
तन की तो तू काली है, मन की भी लगती खोटी”

“दिनभर करती हूं मैं मेहनत, मेहनत का मैं खाती
 तेरी तरह नहीं मैं मोटे, दिन-भर सूँड़ हिलाती”

“मैं तो रोज़ नहाकर आता, मै जंगल की शान
मुझसे तू क्या भिड़ पाएगी, मै सबसे बलवान”

“बली न होऊं लेकिन फिर भी, नहीं किसी से कम
अगर सूँड़ में घुस जाऊं तो करूं नाक में दम”

चींटी की जब बात सुनी, हाथी मन में घबराया
झट हाथी ने सूँड़ बढ़ा, चींटी से हाथ मिलाया

अगर गाय जो दे दे अंडे….

गाय अगर जो दे दे अंडे, फिर क्या होगा भाई
मुर्गी कैसे बछड़े देगी, बात समझ न आई

मुर्गा सोता रह जाएगा, अपनी चादर तान
बैल सुबह क्या कुकड़ू-कूँ की, उठ कर देगा बांग

अंडों की भरमार लगेगी, कमी दूध की आई
अंडे तो बेभाव मिलेंगे, किंतु न दूध मलाई

बिल्ली भूखी रह जाएगी, फिर चूहों की शामत
अच्छा होगा गाय न बदले, अपनी असली आदत


जंगल में फैशन शो
फैशन शो होगा जंगल में, ऐसी हुई मुनादी
खबर आग सी फैली जिसने हलचल खूब मचा दी

उल्लू तोता मोर बने जज, बैठ गए सीटों पर
बाकी दर्शक बैठ गए सब, पास पड़ी ईटों पर

नथनी पहने हथिनी आई, निक्कर पहने हाथी
टोपी पहने बन्दर आया बंदरिया इठलाती

ऊँट छिपा कर कूबड़ अपना, घुंगरू पहने आया
माला पहने संग ऊंटनी, को लख कर मुसकाया

काला चश्मा टाई पहने, तभी आया जिराफ
पहिने हील जिराफिन आई, बनी चकाचक साफ़

शेव करा कर भालू आया, डाई करा कर बाल
ताज पहन कर गधी मटकती, गदहा लिए रूमाल

 पोनीटेल में घोड़ा आया, घोड़ी सज तैयार
नीले रंग में डुबकी लेकर, नीला रंगा सियार

कजरा डाले हिरनी आई, हिरण सजाकर सींग
देख आईने में छवि अपनी, बिल्ली मारे डींग

तभी शेरा आ पहुंचा जिसने, मारी एक दहाड़
मानो सबके सिर पर टूटा, भारी एक पहाड़

सभी जानवर लगे भागने, रखकर सिर पर पाँव
गिरते पड़ते और लुढ़कते, पहुंचे अपनी ठाँव


                                                           डॉ  मधु पंत
                                                   मोबाइल न. 9958077550                   
 
      

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9 comments

  1. ब.हुत प्यारी कविताएं

  2. rang birangi fuljhadriyon si anokhi kavitayen .

  3. यह पोस्ट पीडीऍफ़ में सेव कर कर बच्चे के लिए रख रहा हूँ| आशा हैं, अनुमति देंगे|

  4. Wow, superb blog layout! How long have you been blogging for? you made blogging look easy. The overall look of your website is great, let alone the content!

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