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आइस-कोटेड सपनों का एक घर हम भी बना लेंगे

हिंदी कविताओं में कितने प्रयोग हो रहे हैं, उनकी भाषा को लेकर कितना काम हो रह है यह पत्र-पत्रिकाओं को पढने से पता नहीं चल पाता. उनमें कविता के बने-बनाए सांचे होते हैं बस कवियों के नाम बदल जाते हैं. आज अनामिका शर्मा की कवितायेँ. न, मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि ये महान कवितायेँ हैं, मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा लेकिन इतना जरूर है कि कविता की भाषा सहज ही ध्यान आकर्षित करती है. यह कम बड़ी बात नहीं है- मॉडरेटर 
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1.ऑफिशियल रिश्ता
इस बार हमने कमिटकिया
फॅमिली एंड फ्रेंड्स के सामने
अनकहे का पब्लिक डेमोन्सट्रेशन
बैंड बजा, मंत्र पढ़े गए
तुमने शेरवानी पहनी
मैंने लहंगा
तुम घोड़ी चढ़े
मुझे स्टेज तक लायी सहेलियां
गठबंधन में कैद हो गया
बेफिक्र आवारा साथ
संग चले हम बस
सात फेरों तक
वादों की लिमिट बन गई
सात वचनों तक
कैमरा को देखकर मुस्कुराये हम
फोटोग्राफर के इशारो पर
रिश्ता ऑफिशियल हो गया
और फील कॉन्ट्रेक्चुअल
2.यूटोपिया
फैक्ट ये है कि
जैसा सोचते हैं वैसा होता नहीं
और जो होता है वो सोचते नहीं
अब मान लो
जैसा सोचा था वही हो रहा है
या जो हो रहा है वही सोचा था
मान लिया की हम खुश हैं
मान लिया की फ्लैट, गाडी और फॅमिली है
मान लिया की अच्छा वक़्त बिता रहे हैं
यूटोपिया की हद नहीं होती
चलो मान लेते हैं कि हम जिन्दा हैं
और बस…
तभी सारे समीकरण बिगड़ जाते हैं.
3.स्पेस
उस घर में
वो तीन रहते हैं
दो वो और तीसरा स्पेस
उसे किसी ने बुलाया नहीं
दोनों में से किसी ने भी नहीं
बिना इनविटेशन आने की आदत
होती है कुछ पड़ोसियों की
शायद बातों-बातों में
नाम आया होगा उसका
कान लगाकर बैठा होगा
की जैसे ही उसका जिक्र आये
चम्मच भर भी
झट से आ जाये अन्दर
बिना कालबेल बजाये
सरप्राइज…!!
फिर चाह कर भी
दोनों उसे कभी
घर से नहीं निकाल पाए
तब से उस घर में
वो तीन रहते हैं
दो वो और तीसरा स्पेस
बिना रेंट शेयर किये
जैसे बाहर वाले गार्डन में लगे
बोनसाई पौंधे पर
कोई पैरासाइट
4. तितलियाँ
तितलियाँ..
दौड़ना चाहती हैं सड़कों पर
हाथों में लेकर
हाई-हील्स सैंडिल..।
बनाना चाहती हैं
आधे दिल जैसा कुछ,
मार्लबॉरो-लाइट के धुएँ से,
जिसका बेस रंगा जाये
वोदका से..।
और फिर
उस पर छीटें पड़ें
रेड-वाइन की..।
तितलियाँ..
फूलों को छोड़
लेना चाहती हैं करवटें,
बिस्तर पर..।
वो डरती नहीं..
पंखों पर लगे
पराग के छूटने से,
सारे रंग मिलकर
कुछ बदरंग कर देते हैं
चादर को..
पर तितलियाँ
उस पर बैठ
ठहाका लगाना चाहती हैं..।।
5. जिंदगी डीफ्रोस्ट
आजकल
जिंदगी डीफ्रोस्ट नहीं होती
बर्फ जमी रहती है
गर्मियों की उस शाम
जो छोटा सा सपना देखा था
फिर फ़्रिज के किसी कोने में रख दिया था
पिघल जाने के डर से
फ्रीज़र में उस जगह
ढेर बन गया है धीरे धीरे
रेफ्रीजेरेटेड सपनों की
स्नो- बॉल्स का
सुना है उत्तरी ध्रुव पर
बर्फ के घर बनाते हैं
चलो वहीँ चलते हैं
आइस-कोटेड सपनों का
एक घर हम भी बना लेंगे
जिसके आँगन में खेलेंगे
हमारे अजन्मे बच्चे

 6. प्यार का पैटर्न
प्यार का भी कोई पैटर्न होता है?
तुम्हे पैटर्न पसंद है
मेरे हांथों पर लगी मेहंदी का पैटर्न
मेरे पीले सूट का ट्राइब पैटर्न
पहले दिन, पहले घंटे
पहले मिनट और
पहले सेकंड से आज तक
इकठ्ठा करके सारा कुछ
मैं भी एक पैटर्न बनाने लगती हूँ
पर सब जिग- जेग ही फैला रहता है
कुछ कैनवास
एबस्ट्रक्ट से ही खिलते हैं.
7. जिंदगी थिएटर
तुम्हारा प्यार
रोज़गार के सिलसिले में जाना
और लौट आना घर
सही रास्ते से
सही वक़्त पर रोजाना
मेरा प्यार
हाथों में स्लीपर लिए
बेवजह रैंडम वाक
तुम्हारा प्यार
हाथ थाम कर चलना
मजबूती से
आख़िरी फेरे तक
मेरा प्यार
मंगलसूत्र के मनकों से खेलना लूडो
और शर्त में जीत जाना
खिलखिलाहट बचपन वाली
तुम बसा हुआ घर
मैं छत से अटकी कटी पतंग
तुम्हारा होना
सिप्स हैं शाम की चाय की
और मेरा होना
 
      

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29 comments

  1. Rohit…!! Thanks 🙂

  2. Thank You dpd..!!

  3. बेहद सुन्दर …..

  4. Ati sundar…..keep writing

  5. utterly feelingfull.. heart touching… move on dear <3 🙂

  6. अच्छा बच्ची… 🙂

  7. Thanks a lot Deb Sir….!! 🙂

  8. थैंक्स…!!

  9. थैंक्स…!!

  10. थैंक्स..!!

  11. Hueeeee… Kya likh dala … Jo b h bs mast h… Shaandaar c feeling dene wala… Tum khaas ho hmare lye.. Or tumhara likhna khaas h duniyaa k lye.. Keep writing….

  12. Hueeeee… Kya likh dala … Jo b h bs mast h… Shaandaar c feeling dene wala… Tum khaas ho hmare lye.. Or tumhara likhna khaas h duniyaa k lye.. Keep writing….

  13. Very nice, Anamika! Keep poeming… 🙂

  14. Love u girl 🙂

  15. Thank you so much Sir..!!

  16. Thanks Pummy..!! 🙂

  17. Appki poems padh k Twilight k Edward Cullen ki yaad aati hai, jab wo Bella ko kehta hai, "you are my own personal brand of heroin". Your poems work like that for me, aapke style ki poems hi I genuinely love to read.

  18. बहुत सुंदर अनामिका जी

  19. Anamika ji ko mubaark!! Bahut achchhi kavitain…
    Agraj Prabhaat ji ka vishesh Shukriya !!
    – Kamal Jeet Choudhary

  20. अनोखी और सुंदर कवितायें

  21. The language is really captivating. They attract the reader in their world.

  22. laajaavab hai ,sadhuwad

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