मंटो की एक कहानी है ‘हतक’. सौगंधी नामक वेश्या के ऊपर लिखी यह कहानी मंटो की अनेक कहनियों की तरह ही दिल को चीर देने वाली है. दिल्ली के मरहूम शायर कुमार पाशी की एक नज़्म है ‘सौगंधी’, यह नज़्म ‘हतक’ कहानी की उसी नायिका के ऊपर है. आज के दिन इस नज़्म की याद आ गई क्योंकि आज मंटो की यौमे पैदाइश है- मॉडरेटर
===========
इक मौसम मेरे दिल के अंदर
इक मौसम मेरे बाहर
इक रस्ता मेरे पीछे भागे
इक रस्ता मेरे आगे
बीच में चुपचाप खड़ी हूं, जैसे
बूझी हुई बुझारत
किसको दोष दूं : जाने मुझको
किसने किया अकारत
आईना देखूं, बाल सवारूं, लब पर हंसी सजाऊं
गला सड़ा वही गोश्त कि जिस पर
सादे रंग चढ़ाऊं
जाने कितनी बर्फ़ पिघल गई – बह गया कितना पानी
किस दरिया में ढूंढू बचपन
किस दरिया में जवानी
रात आए : मेरी हड्डियां जागें
दिन जागे : मैं सोऊं
अपने उजाड़ बदन से लग कर
कभी हंसूं, कभी रोऊं
एक भयानक सपना : आग में लिपटी जलती जाऊं
चोली में उड़से सिक्कों के संग पिघलती जाऊं
इक मौसम मेरे दिल के अंदर
इक मौसम मेरे बाहर
इक रस्ता मेरे पीछे भागे
इक रस्ता मेरे आगे
रस्ते बीच मैं खड़ी अकेली
पिया न संग सहेली
क्या जाने मुझ जनमजली ने क्या अपराध किया है
आखिर क्यों दुनिया का मैंने सारा ज़हर पिया है
मेरे साथ ज़माने
तूने अच्छा नहीं किया है
दूर खड़े मेरे आंगन द्वारे
पल पल पास बुलाएं
कहो हवाओं से अब – उनको दूर
बहुत ही दूर कहीं ले जाएं
झूट की यह तारों दीवारें
झूट की यह फ़र्श और छत है
झूट का बिस्तर, झूट के साथी
झूट की हर संगत है
झूट बिछाऊं, झूट लपेटूं
झूट उतारूं, पहनूं
झूट पहन कर जिस्म के वीराने में दौड़ती जाऊं
क्यों नहीं ज़हन की दीवारों से टकराऊं, मर जाऊं
शमा सरीखी पिघल रही हूं
ओझल कभी उजागर
इक मंज़र मेरे दिल के अंदर
इक मंज़र मेरे बाहर
मुझको ढूंढने कौन आए अब इन तनहा राहों पर
बोटी-बोटी कट गई मेरी रौशन चौराहों पर
अब गहरे सन्नाटे में किसको आवाज़ लगाऊं
कौन आएगा मदद को मेरी
क्या चीखूं, चिल्लाऊं
अपने गोश्त की मैली चादर
ओढ़ के चुप सो जाऊं
और अचानक नींदों के दलदल में गुम हो जाऊं
खुद को खुद में ढूंढने निकलूं
लेकिन कहीं न पाऊं…
I got this website from my friend who told me concerning this
web site and now this time I am visiting this web page and
reading very informative posts at this place.
I have been exploring for a little for any high quality articles or blog posts in this
sort of area . Exploring in Yahoo I eventually stumbled upon this website.
Reading this information So i’m satisfied to show that I’ve a very just
right uncanny feeling I found out exactly what I needed.
I most no doubt will make sure to do not put out of your mind this
site and give it a glance regularly.
Howdy, I think your site might be having internet
browser compatibility problems. Whenever I take a look at your web site in Safari,
it looks fine however, when opening in IE, it’s got some overlapping issues.
I merely wanted to give you a quick heads up! Aside from that, great
website!
Hello to all, the contents present at this web page are genuinely remarkable for people experience,
well, keep up the nice work fellows.