वहीदा रहमान ने इस घटना का जिक्र अपने एक लेख में किया है कि किस तरह से दिलीप कुमार ने महान फिल्म निर्देशक सत्यजित राय के साथ फिल्म करने से मना कर दिया था. वहीदा रहमान ने लिखा है कि सत्यजित राय के साथ जब वे ‘अभिजन’ फिल्म की शूटिंग कर रही थीं तो सत्यजित राय ने कहा कि क्या वे दिलीप कुमार से उनकी बात करा सकती हैं? उनके पास एक ऐसी कहानी है जिसमें दिलीप कुमार ही जम सकते हैं. वहीदा रहमान खुद को दिलीप कुमार की करीबी समझती थीं. उन्होंने दिलीप कुमार से कहा कि सत्यजित राय उनके साथ फिल्म करना चाहते हैं. क्या वे तैयार होंगे? दिलीप कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने सत्यजित राय से कहा कि वे खुद बात कर लें.
सत्यजित राय ने बात की भी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई. सिनेमा की दो महान प्रतिभाओं का संगम नहीं हो पाया. किस कारण से दिलीप कुमार ने मना किया? क्या उनको कहानी पसंद नहीं आई या अपना रोल या सत्यजित राय का काम उनको पसंद नहीं आया था? यह बात कोई भी नहीं समझ पाया क्योंकि इस फिल्म के बारे में दिलीप कुमार ने कभी भी बातचीत नहीं की न ही किसी और ने कुछ लिखा या कहा. फ़िल्मी दुनिया में इस तरह की बातें होती रहती हैं इसलिए लोग भूल भाल भी गए.
बाद में वहीदा रहमान के लिखने से यह पता चला कि असल में दिलीप कुमार ने इसलिए सत्यजित राय को मना कर दिया था क्योंकि उस फिल्म में उनको खुले बदन आना था. दिलीप कुमार ने अपनी कमीज कभी नहीं खोली थी. किसी फिल्म में नहीं खोली थी तो भला सत्यजित राय के कहने पर कमीज खोलने के लिए क्यों तैयार हो जाते. बस इसी बात पर एक महान फिल्म बनते बनते रह गई.
प्रभात रंजन