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‘क्या अब भी प्यार है मुझसे?’ का एक अंश

अंग्रेज़ी के लोकप्रिय लेखक रविंदर सिंह अपने हर उपन्यास में समाज की किसी समस्या को उठाते हैं और उसी के बीच उनकी प्रेम कहानी चलती है। उनके उपन्यास ‘will you still love me?’ में सड़क दुर्घटना को विषय बनाया गया है ताकि युवाओं में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जागरूकता पैदा हो सके। दो अलग अलग परिवेश के किरदारों की प्रेम कहानी तो है ही। इस उपन्यास का हिंदी अनुवाद ‘क्या अब भी प्यार है मुझसे?’ नाम से प्रकाशित हुआ है। प्रकाशन पेंगुइन बुक्स ने किया है। अनुवाद मैंने किया है- प्रभात रंजन

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दो नौजवान, जिनमें एक की 30 से आसपास है और दूसरे की 30 से कुछ अधिक, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के गलियारे में टहल रहे हैं। उनके पहनावे-ओढ़ावे से यह साफ लगता है कि दोनों अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमियों से आए हैं। दोनों में जो कम उम्र का है उसने ब्रांडेड कपड़े पहन रखे हैं, जबकि बड़ी उम्र वाला नौजवान साधारण परिवार का लग रहा है। दोनों एक दूसरे के साथ बहुत सहज लग रहे हैं और दोनों एक साथ कॉलेज ऑडिटोरियम में प्रवेश कर जाते हैं।
यूनिवर्सिटी की तरफ से सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। फर्स्ट ईयर के विद्यार्थी वहां उन दो लोगों की परिचर्चा सुनने के लिए जुटे हुए हैं। असल में विद्यार्थी वहां होना ही नहीं चाहते थे। आखिरकार, सड़क सुरक्षा पर सुनना कौन चाहता है? कितना नीरस है। अब चूँकि फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों की मर्जी कम ही चल पाती है, इसलिए उनको मजबूरीवश उस सत्र में आना पड़ा है।
‘आप लोगों में कितने लोग इस बात से अवगत हैं कि आपके परिवार, मित्रों, या परिचितों में से कम से कम एक व्यक्ति की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई? कृपया अपने हाथ उठाइए।’ कम उम्र वाले नौजवान ने बिना अपना परिचय दिए इस तरह से सत्र की शुरुआत की।
और तत्काल सबका ध्यान उसके ऊपर चला गया।
थोड़ी सी फुसफुसाहट के बाद वहां मौजूद सभी लोगों ने हाथ ऊपर उठा दिए, जिनमें मंच पर मौजूद दोनों लोग भी शामिल थे। दोनों नौजवानों ने एक दूसरे की तरफ देखा और विद्यार्थियों को इसका मौका दिया कि वे यह देख लें कि कितने हाथ उठे हुए थे।
उसके बाद मंच पर मौजूद व्यक्ति ने अगला सवाल किया, जिसके जवाब में भी हॉल में मौजूद सभी लोगों ने हाथ उठा दिए, लेकिन इस दफा हाथ झिझकते हुए, अजीब तरह से और निश्चित रूप से ख़ुशी ख़ुशी हवा में नहीं उठे।
सवाल था, ‘आप में से कितने लोगों को ऐसा लगता है कि जो उनके साथ हुआ वह आप लोगों के साथ भी हो सकता था?’

 
      

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4 comments

  1. A. Charumati Ramdas

    प्रस्तावना अच्छी है….

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