पीछे दिनों राज़ी फ़िल्म की बड़ी चर्चा हुई। यह फ़िल्म कॉलिंग सहमत उपन्यास पर आधारित थी। अब इसका हिंदी संस्करण पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया से प्रकाशित होकर आ गया है। पढ़िए लोकार्पण से जुड़ी ख़बरें- मॉडरेटर
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23 अगस्त 2019, नई दिल्ली। नई दिल्ली के कंस्टिट्यूशन क्लब में आज मशहूर लेखक और पीरामल ग्रुप के ग्रुप प्रेसीडेंट, स्ट्रेटेजिक बिज़नेस हरिंदर सिक्का की किताब ‘कॉलिंग सहमत’ के हिंदी संस्करण का विमोचन हुआ। इस विमोचन समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री जाह्नवी कपूर और पेंगुइन रेंडम हाउस की एडिटर-इन-चीफ़, इंडियन लैंग्वैजेज वैशाली माथुर समेत कई लोग शामिल उपस्थित थे। ‘कालिंग सहमत’ वो उपन्यास है जिस पर मशहूर बॉलीवुड फिल्म राज़ी बन चुकी है।
कॉलिंग सहमत की कहानी एक भारतीय महिला जासूस और वीरांगना सहमत खान की कहानी है जो एक पाकिस्तानी जनरल के बेटे से शादी करती है और नियमित रूप से वहां से गुप्त जानकारियां भारतीय गुप्तचर एजेंसी को भेजना उसका मिशन है।
सहमत खान एक युवा, कॉलेज जाने वाली कश्मीरी लड़की है और जब उसे अपने मरणासन्न पिता की आख़िरी इच्छा का पता चलता है तो उसे अपने जुनून और देशभक्ति के आगे समर्पण कर कड़ी मेहनत से निर्धारित अपने मार्ग पर चलने के सिवाय कुछ नहीं सूझता। यही उसके एक साधारण लड़की से एक घातक जासूस में बदलने में की शुरुआत होती है।
किताब के लेखक और पीरामल ग्रुप के ग्रुप प्रेसीडेंट, स्ट्रेटेजिक बिज़नेस हरिंदर सिक्का ने किताब को लेखने की प्रेरणा और उसके पीछे की कहानी बताई। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपने इम्बेडेड जर्नलिज्म की कोशिश और अपने एक अनुभव को सुनाया जिसमें सहमत खान के बेटे से मिलने का उन्हें अवसर प्राप्त हुआ था।
हरिंदर सिक्का ने कहा, “सहमत एक फ़रिश्ता थी और उन्होंने साबित किया कि एक कश्मीरी महिला उतनी ही देशभक्त है जिनता कोई आम हिंदुस्तानी है।”
इस अवसर पर बोलते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि इस किताब के विमोचन में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, “यह किताब अंग्रेज़ी में काफ़ी सफल रही है, आशा है कि हिंदी में भी यह किताब सफल होगी और व्यापक पाठक-वर्ग तक पहुंचेगी।”
वास्तविक घटनाओं से प्रेरित कॉलिंग सहमत ऐसा जासूसी थ्रिलर है जो इस अज्ञात युद्ध वीरांगना की कहानी बयान करता है।
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेतत्री जाह्नवी कपूर ने इस अवसर पर कहा कि हम सब में अपनी मातृभूमि को लेकर एक भावना होती है और जब हरिंदर ने उन्हें ये कहानी सुनाई तो वो इसे महसूस कर सकती थी। जाह्नवी ने कहा उन्हें भी किताबों से प्रेम है। उन्होंने कहा, “हरेक किताब प्रेमी का किताब के बारे में एक अपना विचार होता है, जबकि सिनेमा में हर दर्शक के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता।“
पेंगुइन रैंडम हाउस की एडिटर-इन-चीफ़, इंडियन लैंग्वेजेज, वैशाली माथुर ने इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत किया और मशहूर रेडियो जॉकी आरे स्वाति ने कार्यक्रम का संचालन किया।
कॉलिंग सहमत का प्रकाशन पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने किया है।