आज पोर्तगीज भाषा की एक कहानी पढ़िए जिसे लिखा है ब्राज़ील के युवा लेखक दुइलियू गोम्स ने। अनुवाद किया है प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव ने-
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आदमी ने हाथ के इशारे से टैक्सी को रोका– ‘बस स्टैंड चलो’
बात करते-करते वह टैक्सी की पिछली सीट पर पीठ टिकाकर आराम से बैठ गयाl रंग मटमैला, थोड़ा मोटा; साथ में था एक सूटकेस जिसे उसने अपनी गोद में रख लियाl शाम को सात बजे की धुंधली रोशनी में दूसरी कई गाड़ियों की भीड़ में टैक्सी ने चलना शुरू कियाl दिन गर्म था, ड्राइवर ने दाहिने हाथ से अपने माथे का पसीना पोंछकर रेडियो चला दिया– रुम्बा गाने के हज़ारों ड्रम की आवाज़ों से टैक्सी फट पड़ने को हुईl
रेडियो की आवाज़ कुछ कम करते ही ड्राइवर एक शब्द सुन पाया – ‘केला।’
आदमी टैक्सी की पिछली सीट पर बैठा शायद कुछ कह रहा है – “सच में यदि मुझे कुछ पसंद है तो वह है केलाl”
ड्राइवर ने अपने सामने के शीशे में देखा – उस आदमी के मुख-गह्वर में आधा केला एकबार में ही ग़ायबl वह देख पाया टैक्सी की खिड़की से पैसेंजर द्वारा केले का छिलका फेंक देनाl रेडियो की आवाज़ ड्राइवर ने और कम कर दी क्योंकि उसे लगा कि पैसेंजर और भी कुछ कह कह रहा है– “मैं दिनभर में पचास केले खा जाता हूँl”
उसके बाद चुप हो गयाl
इसी निस्तब्धता में एक और केले के छीले जाने की आवाज़ आती रहीl
आवाज़ दबी हुई थी, जैसे जल्दबाज़ी थी; ठीक वैसे ही जैसे एक कोई मुट्टल्ला चूहा मखमल पर दौड़ लगा रहा होl
उन सज्जन ने कहा– “केले के उत्पादन से हमारे देश में बड़े पैमाने पर शिल्प विकास होना चाहिए थाl
ये सारी बातें, भरमुंह में केला खाते समय कही जा रही है, इसे ड्राइवर समझ गयाl ड्राइवर का कुछ आता-जाता नहीं, उसकी गाड़ी में बैठकर पैसेंजर केला खाए या तरबूज़, जब तक वे गाड़ी को गंदा नहीं कर रहेl लेकिन उसे लगा कि एक आदमी के लिए एक दिन में 50 केले खाना असंभव हैl ड्राइवर ने हिसाब करके देखा कि ऐसे तो उसका पैसेंजर सप्ताह में 350 केले खा लेगा, इसका मतलब एक महीने में जितने केले खाएगा उसकी संख्या इतनी बड़ी है कि वह अपनी साधारण हिसाब-क्षमता से गिन ही नहीं सकताl
सज्जन ने कहा – “कच्चा केला भी खाया जा सकता हैl” पैसेंजर के इस भाषण के प्रति ड्राइवर को कैसा तो आकर्षण होने लगाl
सामने के रस्ते से आँख हटाए बिना ड्राइवर ने पूछा– “कच्चे केले में क्या मिलता है कि आपको इतना अच्छा लगता हैl”
“कच्चे…के…ले…में
सज्जन ने एक टुकड़ा केला मुँह में ठूंसकर उत्तर दियाl बात करने में जो देरी हुई उससे ड्राइवर को समझ आया कि केले का टुकड़ा बड़ा हैl
-कच्चे केले में केले के नैसर्गिक गुण हैंl केले के पकना शुरू होते ही उसकी निर्गुण अवस्था शुरू हो जाती हैl इसलिए केले के फूल पकड़ने और पकना शुरू होने के बीच का समय बहुत कम होता है लेकिन कच्चे केले के बारे में आप निश्चिंत रह सकते हैं कि छिलके के भीतर आपको पका या सड़ा केला नहीं मिलेगाl
इसलिए आपको ऐसी कोई परेशानी नहीं होगी कि जिसे खाकर आपको नुकसान हो सकता हैl
ड्राइवर ने चुपचाप सारी बातें मान लींl ऐसा लगा ये सज्जन ठीक ही कह रहे हैंl फ़िर भी उनकी व्याख्या विभ्रमपूर्ण थी, जो कभी भी कच्चा केला खाने के लिए उसे प्रेरित नहीं करेगीl रेडियो पर धीमी लय में एक करुण गीत बज रहा थाl ड्राइवर टैक्सी को लाल–बत्ती पर रोकते-रोकते बोला– “आज असह्य गर्मी हैl
ड्राइवर की बात पर ध्यान दिए बगैर पैसेंजर बोलता ही रहा– “आनेवाले दिनों में केला ही प्रमुख खाद्य होने वाला हैl मुझे लगता है कि सच में मैं केलाहारी हूँ। इस सदी के अंत में मनुष्य की विकराल क्षुधा का समाधान यह केला ही हो सकता हैl
ड्राइवर को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले l टैक्सी फ़िर चलने लगी थी, केले को लेकर यह पागलपन ड्राइवर को अजीब लग रहा थाl कुछ ऐसा ही था कि इस अजीब से प्रसंग पर आगे बातचीत जारी नहीं रख पा रहा थाl ड्राइवर चाहता था कि वह सज्जन अब अपना कदली-वृत्तांत बंद कर देंl
ड्राइवर में एक अजीब सी विरक्ति पैदा हो रही थी ,फ़िर उसे लगा के साथ ड्राइवर कि पिछली सीट पर बैठा प्राणी गंभीर भाव से चुपचाप एक केले का छिलका उतार रहा हैl यह दसवां हो सकता हैl
गर्मी में टैक्सी की विंडस्क्रीन से प्रकाश की किरणें परावर्तित होकर आ रही थींl ड्राइवर को समझ नहीं आ रहा था कि जल के छोटे-छोटे कण टैक्सी के काँच से दीख रहे थे या उसकी आँखों की पलकों में थेl
पीछे से वह सज्जन अचानक बोल उठे– “माफ़ करना, आधे घंटे से मैं केले खाता जा रहा हूँ आपको एक बार भी नहीं पूछा”
-एक खाकर देखेंगे क्या?
ड्राइवर केला लेता नहीं लेकिन उन सज्जन की आवाज़ इतनी भद्र और मित्रतापूर्ण थी, जिन्हें प्रसन्न करने के लिए और इसलिए भी कि यह अनुरोध दोहराया न जाये –
“दे दीजिएl”
सज्जन ने एक केला उठाकर दे दियाl ड्राइवर की गर्दन के पिछले भाग में केले का छुअन गरम थी– जैसे उसमें प्राण होl केला देते हुए ड्राइवर कि नज़र उस व्यक्ति के हाथ पर पड़ी – वह था विशाल रोमिल पशुवत हाथl
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