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अमेरिकी ब्लैक कवि जेरिको ब्राउन की कुछ कविताएँ

जेरिको ब्राउन अमेरिका के ब्लैक कवि हैं और समकालीन अमेरिकी कविता का एक महत्वपूर्ण नाम हैं। इस साल उनको अपने कविता संग्रह ‘ट्रेडिशन’ के लिए प्रतिष्ठित पुलिट्जर पुरस्कार दिया गया है। उसकी संग्रह से कुछ कविताएँ हिंदी अनुवाद में अनुवाद किया है कुमारी रोहिणी ने- जानकी पुल
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फूल
 
पीली चिड़िया
पीला घर
छोटा सा पीला
गीत
 
मेरे पीलियाए मुँह में
पीली रोशनी
इन पीले दाँतों की
ज़रूरत
 
दाँतों को साफ़ करता हूँ, लेकिन
तुम्हें पसंद है
मेरी पीली
मुस्कुराहट.
 
यह अश्वेत लड़का
लगातार गाता है.
छोटी सी ज़िंदगी.
पीला पित्त
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बंदूक़ का निशाना
 
मैं ख़ुद को सिर में गोली नहीं मारूँगा, और
न ही मारूँगा पीठ में, और मैं
ख़ुद को फाँसी पर भी नहीं लटकाऊँगा
एक कूड़े के झोले में,
और अगर मैं मैं करता हूँ,
तो मेरा आपसे वादा है, मैं ऐसा
पुलिस की गाड़ी में हथकड़ी लगे हुए हाथों
से नहीं करूँगा या शहर के
किसी जेल में
जिसका नाम मैं सिर्फ़ इसलिए जानता हूँ
क्योंकि मुझे घर जाने के लिए
वहाँ से गुज़रना होता है. हाँ
मैं शायद ख़तरे में हूँ,
लेकिन मेरा आपसे वादा है, मैं
उन कीड़ों पर भरोसा करता हूँ जो मेरे
घर के फ़र्श के नीचे अपनी मर्ज़ी
का काम करते हैं
किसी भी कंकाल से
ज़्यादा मैं
इस देश के क़ानून अधिकारियों का
भरोसा करता हूँ
कि
वे मेरी आँखों को बंद करेंगे
भगवान के एक बंदे की तरह, या
मुझे ढँक देंगे किसी
चादर से
जो इतना बेदाग़ होगा कि मेरी माँ
मुझे बाँधने के लिए उसका
इस्तेमाल करेगी.
जब मैं ख़ुद को मारूँगा, मैं
बिल्कुल उसी तरह मरूँगा जैसे
मेरे ज़्यादातर अमेरिकी भाई मरते हैं,
मेरा आपसे वादा है: सिगरेट पीते हुए
या माँस का एक टुकड़ा खाते हुए
जो मेरे गले में अटक जाएगा
या मैं इतना ग़रीब हो जाऊँगा कि
किसी ऐसी सर्दी में जम जाऊँगा
जिसे हम लगातार बदतर कहते रहते हैं.
मैं वादा करता हूँ
जब आप
किसी पुलिस वाले के नज़दीक
मेरी मौत की ख़बर सुनेंगे,
उसी पुलिस वाले ने मुझे मारा था.
उसने मुझे हमसे छिन लिया है और
मेरी लाश को छोड़ दिया है, जो है
शहर के किसी भी उस समझौते की क़ीमत से
बड़ा है जो एक माँ को
रोने से रोक सकेगा,
और बंदूक़ की
उस नई गोली से बहुत ख़ूबसूरत
जो मेरे सिर के परतों से
भेद कर निकली है
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एक और देश के बाद
 
अश्वेतों के बीच से
हम कुछ अश्वेत
एक कोई मेरे जैसा,
जो कि इमारत या पुल को
देखता हुआ गुज़र रहा है.
हम बुदबुदाते हैं और
अपने होंठ भींच लेते हैं,
और जब तक दूरी को
देख नहीं लेते
हम रहते हैं आश्वस्त
 
हम वहाँ पहुँचते हैं,
ताकि वहाँ से जा सकें,
ख़ुद को कह सके
डरपोक, लेकिन तुम नहीं
रुफ़ुस. तुम
पहुँच गए हो जॉर्ज वाशिंगटन-
क़ानून के उस अधिकारी की
तरह निर्भीक
जिसके पास है अधिकार
यातायात को दिशानिर्देशित करने का
जब सभी बत्तियाँ बंद होती हैं – और तुम
स्वयं को बचाने के लिए
आसमान की धवलता के ख़िलाफ़
धूल उड़ा देते हो
 
पानी की निर्मलता की मदद से
 
      

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