अलेक्सांद्र कूप्रिन (1870-1938) एक प्रसिद्ध रूसी लेखक थे. यहाँ दिया गया हिस्सा कूप्रिन के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास द डुअल से लिया गया है। इस हिस्से को पढ़ते हुए आपको अहसास होगा कि टाल्सटाय ने क्यों कूप्रिन को चेखब का सही उत्तराधिकारी कहा था। चारुमति रामदास के द्वारा इस तर्जुमा को …
Read More »मयंक छाया की कुछ ग़ज़लें, कुछ छंद
जाने–माने पत्रकार और लेखक मयंक छाया शिकागो में रहते हैं और मूलतः अंग्रेजी में लिखते हैं। दलाई लामा की आधिकारिक जीवनी उन्होंने ही लिखी है जिसका तर्जुमा चौबीस भाषाओं में हो चुका है। मूलतः अंग्रेजी में लिखने वाले मयंक छाया लेकिन ग़ज़ल हिन्दुस्तानी में कहना पसंद करते हैं। आज पढ़िए उनकी …
Read More »रेखा सेठी द्वारा अनूदित सुकृता पॉल कुमार की कविताएँ
मेरा मानना है कि कविता बस एक ही भाषा की होती है. कविता का अनुवाद मेरी नज़र में नामुमकिन के बेहद करीब है। रेखा सेठी ने निस्संदेह अपनी पूरी कोशिश की है उन अहसासों को हिन्दी में न खोने की, जो जानी-मानी कवयित्री सुकृता पॉल कुमार ने अंग्रेजी में लिखी …
Read More »भारती दीक्षित का यात्रा वृत्तांत “ध्यान में बुद्ध, मन में बुद्ध, सोच में बुद्ध, देखना भी बुद्ध”
भारती दीक्षित प्रशिक्षित कलाकार हैं। इनका अपना यूट्यूब चैनल है जहाँ वह कहानियों के पाठ करती हैं और हजारों– लाखों लोग उन्हें सुनते भी हैं। कुछ कहानियों का व्यू तो चार लाख तक गया है।यह उनकी अजंता–एलोरा की यात्रा का संस्मरण है। छुट्टियों के मौसम में, घूमने के मौसम में …
Read More »रुचि भल्ला का यात्रा संस्मरण “सफ़र के सहयात्री”
रुचि भल्ला की रचनाएँ हँस, तद्भव, पहल, नया ज्ञानोदय, वागर्थ, कादम्बिनी, कथादेश सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ इनकी कविताओं का प्रसारण आकाशवाणी के इलाहाबाद, सातारा तथा पुणे केन्द्रों से हुआ। शब्दों से प्रकृति को बांधना-छानना इनकी लेखनी में सहजता से आता है। अपनी भीमाशंकर यात्रा संस्मरण को वे जानकीपुल पर …
Read More »सुशील कुमार भारद्वाज की कहानी “जाति बदल लीजिए”
सुशील कुमार भारद्वाज ने बहुत कम समय में पटना के साहित्यिक परिदृश्य पर अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की है. पेशे से अध्यापक हैं और उनकी कहानियों में बिहार के सामाजिक जीवन के ‘स्लाइसेज‘ होते हैं. उनको पढ़ते हुए बिहार का समकालीन समाज समझ में आता है. जानकीपुल पर आज है …
Read More »नौसैनिकों के विद्रोह पर आधारित मराठी उपन्यास “बड़वानल” का एक अंश
राजगुरु आगरकर लिखित वड़वानल मराठी का एक प्रसिद्ध उपन्यास है। चारुमति रामदास ने इसका मराठी से हिंदी में अनुवाद किया है। वे EFLU हैदराबाद के रूसी भाषा विभाग से सेवा निवृत्त हुई हैं। नौसेना के एक विद्रोह पर आधारित उपन्यास का यह रोचक अंश पढ़िए आज जानकीपुल पर। चारुमति रामदास ने रूसी व …
Read More »शुभम अग्रवाल की पन्द्रह कविताएँ
युवा कवि शुभम अग्रवाल (उम्र 27 वर्ष) हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखते हैं. उनकी कविताएँ इन दोनों भाषाओं में साहित्यक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. हिन्दी में उनका पहला कविता संग्रह लगभग तैयार है. वे गुड़गाँव में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. 1. कवि नहीं हूँ मैं अगर …
Read More »सागर का सम्मोहन: लक्षद्वीप
लक्षद्वीप की सुंदरता विलक्षण और निराली है। मुकुल कुमारी अमलास ने लक्षद्वीप की यात्रा के पूरे अनुभव को बड़ी ख़ूबसूरती से बयान किया है। यह संस्मरणात्मक लेख काफ़ी बारीकी से लक्षद्वीप के इतिहास और समाज के बारे में आपको बताने के साथ ही समंदर की रोमांचक गहराइयों में ले जाएगा। ———– …
Read More »उषाकिरण खान की कहानी ‘बम महादेव’
हिन्दी और मैथिली की प्रख्यात लेखिका उषाकिरण खान बिहार की पहली महिला लेखिका हैं जिन्हें पद्मश्री का सम्मान मिला। वे बिहार के मिथिला क्षेत्र दरभंगा लहेरियासराय से संबंधित हैं। उनकी तकरीबन चालीस किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनको “भामती” के लिए साहित्य अकादमी सम्मान मिल चुका है। उषाकिरणजी की यह कहानी “बम महादेव” मैथिली से अनूदित …
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