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Prabhat Ranjan

जयंती रंगनाथन की कहानी ‘चौथा मुसाफिर’

आज पढ़िए चर्चित लेखिका संपादक जयंती रंगनाथन की कहानी ‘चौथा मुसाफ़िर’, जो ममता कालिया द्वारा संपादित ‘वर्तमान साहित्य’ के अंक में प्रकाशित हुआ है। जिन लोगों ने उस अंक में नहीं पढ़ा वे यहाँ पढ़ सकते हैं- ======================= उस रात में कोई तो बात थी। तूफानी, बर्फीली, अजूबी और अकेली… वो …

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उज़्मा कलाम की कहानी ‘काली बिल्लियों के साये में चटोरी चुड़ैल’

उदयपुर में रमा मेहता ट्रस्ट द्वारा आयोजित कहानी लेखन कार्यशाला में युवा लेखिका उज़्मा कलाम ने यह कहानी सुनाई थी। कहानी अच्छी लगी तो आपसे साझा कर रहा हूँ- ==================== 1. बानो अप्पी के घर से निकलकर हम ऐसे भागे, जैसे एक छलांग में पूरी दूरी पार कर लेना चाहते …

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कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ

  आज पढ़िए कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ। उनकी कला के अलग अलग रूपों से हम वाक़िफ़ रहे हैं। आज कविताएँ पढ़िए- ================ उसके और मेरे जीवन में एक समान गति हैं! उसका बोझा पीठ पर हैं और मेरा दिमाग पर, अपने अपने बोझे को ढोने की ताकत हमने माँ से …

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प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘कमोड’

प्रमोद द्विवेदी बहुत रोचक विषयों पर पठनीय कहानियाँ लिखते हैं। यह उनकी नई कहानी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================== साहेब चार माह से कष्टशैय्या पर थे। सब कुछ बिछौने पर निपट रहा था। पड़े-पड़े ही एक  दिन उन्होंने वकील मुन्नालाल जांगिड़ को बुलवा कर बाहोश वसीयत लिखवा दी। …

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मुआशरे को मुर्दा होने से बचाने वाली शायरी

कल जाने-माने शायर राजेश रेड्डी का जन्मदिन था। इस मौक़े पर पढ़िए मशहूर युवा शायर इरशाद ख़ान सिकन्दर का यह लेख, यह लेख पहले उर्दू में रावलपिंडी, पाकिस्तान से छपने वाली उर्दू पत्रिका ‘चहार सू’ के जनवरी 2023 अंक में प्रकाशित हुआ था, पत्रिका का यह अंक राजेश रेड्डी विशेषांक …

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     हरिशंकर परसाई के लेखन का स्त्री पक्ष

युवा लेखक पल्लव के संपादन में निकलने वाली पत्रिका ‘बनास जन’ का हर अंक संग्रहणीय होता है। इस बार इस पत्रिका का अंक प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई पर केंद्रित है। इसी अंक में प्रकाशित एक लेख पढ़िए। लिखा है अवंतिका शुक्ल ने, जो महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में स्त्री …

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जयंती रंगनाथ के उपन्यास ‘मैमराज़ी: बजाएगी पैपराजी का बैंड’ का एक अंश

वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका जयंती रंगनाथ के उपन्यास ‘मैमराज़ी: बजाएगी पैपराजी का बैंड’ का एक रोचक अंश पढ़िए। यह उपन्यास हिंद युग्म से प्रकाशित है- ======================== शशांक अभी भी परेशान लग रहा था। उसने सुंदरी का हाथ पकड़ा और ज़ोर से कहा, “श्श्श! चलो, निकलते हैं यहाँ से।” “कहाँ जा …

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नीली नदी, गुलाबी दरख़्त और एकाकी जीवन

पूनम दुबे इन दिनों डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में रह रही हैं। डेनिश भाषा सीख रही हैं। इस बार अर्से बाद अपनी यात्रा कथा के साथ लौटी हैं। इस बार स्थान  है जर्मनी का एक छोटा सा शहर ऍनडरनाख। बहुत पठनीय है- =================== राइन नदी के किनारे बसे ऍनडरनाख एक …

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इश्क ए हकीकी का सागर: बुल्ले शाह

प्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा के संपादन में बुल्ले शाह की कविताओं का संचयन प्रकाशित हुआ है। राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक की समीक्षा लिखी है मोहम्मद हुसैन डायर ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ====================== भक्ति आंदोलन ने देश और काल की सीमाएँ तोड़ी थी। यह आंदोलन …

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भोजपुरी लोकोक्तियों में नारी

भोजपुरी भाषा की लोकोक्तियों में नारी विषय पर यह शोध आलेख भेजा है सुनीता मंजू ने। सुनीता सीवान में प्राध्यापिका हैं। आप लेख पढ़कर अपनी राय दीजिए- ================= जब लोक शब्द किसी शब्द के साथ जुड़ता है, तो अंतस में गुदगुदी होती है। लोक सहज, सरल संगीत की तरह जीवन …

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